देशभर में मानसून ने दस्तक दे दी है। इस दौरान अक्सर बादलों में बिजली चमकती है और जमीन पर गिरती भी है जो कि कई बार जानलेवा भी साबित भी होती है। खबरों के मुताबिक उत्तर भारत के कई राज्यों में बिजली गिरने से अनेकों लोगों की मौत हो गई है।
आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर बिजली क्यों गिरती है। सरल भाषा में समझें तो आसमान में बादलों का हवा के वेग से एक – दूसरे से विरोधी दिशा में जाते हुए टकराना व इससे घर्षण उत्पन्न होना, बिजली चमकना है। घर्षण से विद्युत पैदा होती है और पृथ्वी पर पहुंचती है।
गौरतलब है कि जब घर्षण से उत्पन्न विद्युत के लिए आसमान की बूंदो में से भी प्रवाह नाकाफी रहता है तो यह पृथ्वी पर कंडक्टर तलाशती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशता है जहां से वह गुजर सके। यदि यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढि़या कंडक्टर का काम करता है।
बिजली गिरने की स्थिति में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
बिजली गिरने की स्थिति में बचाव के उपाय
This post was last modified on July 22, 2019 2:51 PM
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