World Chocolate Day 2020: हर साल 7 जुलाई के दिन पूरे विश्व में वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाया जाता है। बताया जाता है कि यूरोप में पहली बार साल 1550 में 7 जुलाई को चॉकलेट डे (Chocolate Day on 7 July) मनाया गया था। चॉकलेट रिश्तों को मजबूत बनाने के अलावा सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। इसके अलावा रूठे दोस्तों को मनाने और रिश्तों में ज्यादा मिठास घोलने के लिए चॉकलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि चॉकलेट डे (Chocolate Day) लगभग 4 हजार साल पुराना है। यह बात सच है कि पहली बार चॉकलेट का पेड़ अमेरिका में देखा गया था। दरअसल, अमेरिका के जंगल में चॉकलेट के वृक्ष की फलियों में जो बीज होते हैं उन्हीं से चॉकलेट पर प्रयोग की शुरुआत हुई थी। चॉकलेट पर प्रयोग करने वालों की लिस्ट में मैक्सिको और अमेरिका सबसे पहले थे। साल 1528 में स्पेन के राजा ने मैक्सिको पर कब्जा जमाया। इस दौरान राजा को कोको बहुत पसंद आया। इसके बाद वह कोको के बीजों को मैक्सिको से स्पेन ले गए। देखते ही देखते स्पेन में चॉकलेट रईसों की पसंदीदा ड्रिंक बन गई।
आरंभिक दौर में चॉकलेट का स्वाद कुछ तीखा या कसैला था। इसलिए कोको के बीजों को रोस्ट करके पीस कर पाउडर बनाया जाता था। इसके बाद पाउडर के तीखेपन को दूर करने के लिए इसे पानी में घोलकर शहद, वनीला और अन्य चीजें मिलाकर कोल्ड कॉफी पेय बनाया गया। हालांकि इसके बाद एक अंग्रेज डॉक्टर सर हैंस स्लोन ने दक्षिण अमेरिका का दौरा किया। वहां पर उन्होंने इस पेय की नई रेसिपी तैयार कर उसे खाने लायक बनाया। फिर इसका नाम रखा कैडबरी मिल्क चॉकलेट।
1828 में एक डच केमिस्ट कॉनराड जोहान्स वान हॉटन नाम के शख्स ने कोको प्रेस नाम की मशीन का निर्माण किया। कॉनराड ने इस मशीन के जरिये चॉकलेट एल्केलाइन सॉल्ट मिलाकर इसके तीखेपन को कम किया। फिर साल 1848 में ब्रिटिश चॉकलेट कंपनी जे.एर फ्राई एंड संस ने पहली बार कोको में बटर, दूध और शक्कर मिलाकर पहली बार इसे पीने के बाद खाने लायक चॉकलेट में तब्दील किया।
>> चॉकलेट में ऐसे कई प्राकृतिक केमिकल्स होते हैं जो हमारे मूड को अच्छा कर देते हैं। साथ ही चॉकलेट में मौजूद ट्रीप्टोफैन हमें हैपी बना देता है। ट्रीप्टोफैन, हमारे मस्तिष्क में इंडॉरफिन के लेवल को प्रभावित करता है जिससे हम बेहद उत्साहित और आनंदित महसूस करते हैं।
>> चॉकलेट में फिनैलेथाईलामीन नाम का केमिकल होता है जो हमारे ब्रेन में प्लेजर इंडॉर्फिन रिलीज करता है जिससे इसे खाने वाले को अच्छा-अच्छा महसूस होता है। जब कोई इंसान किसी के प्यार में पागल होता है तो उसके मन में जिस तरह की फीलिंग होती है, चॉकलेट खाने पर भी कुछ ऐसा ही महसूस होता है। हालांकि चॉकलेट, लव का सब्स्टिट्यूट नहीं है लेकिन ऑल्टरनेट जरूर है।
>> हम सभी को बचपन से यह सीख दी जाती है कि चॉकलेट में मौजूद चीनी और अन्य स्वीटनर की वजह से हमारे दांत खराब हो जाते हैं। एकतरह से यह सच भी है। लेकिन चॉकलेट में मौजूद कोको अगर शुद्ध रूप में हो तो यह हमारे दांतों को सड़ने से बचाता है। कोको में मौजूद नैचुरल केमिकल्स हमारे मुंह के अंदर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया से लड़कर दांतों को सड़ने से बचाते हैं।
>> दुनिया में बनने वाली चॉकलेट की आधी खपत अकेले अमेरिका में होती है। इस बात का अंदाजा इसी फैक्ट से लगाया जा सकता है कि हर सेकंड अमेरिका के लोग 100 पाउंड चॉकलेट खा जाते हैं।
>> चॉकलेट हमारे दिल के लिए भी फायेदमंद है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर दिन डार्क चॉकलेट खाने से आपको हार्ट डिजीज होने का खतरा एक तिहाई कम हो जाता है।
>> आपने भी मिल्की बार या कई दूसरी दूध से बनी वाइट चॉकलेट जरूर खाई होगी। लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि वाइट चॉकलेट तो चॉकलेट है ही नहीं, क्योंकि इसमें कोको सॉलिड या कोको लिकर नहीं होता।
>> चॉकलेट निर्माता हर साल दुनियाभर में उगने वाली मूंगफली का 20 प्रतिशत और बादाम की 40 प्रतिशत फसल का इस्तेमाल अपनी चॉकलेट में करते हैं।
>> अगर आपको लगता है कि आप कैलरीज़ बचाने के लिए ढेर सारी शुगर फ्री चॉकलेट्स खा सकते हैं तो आप गलत हैं। जरूरत से ज्यादा शुगर फ्री चॉकलेट खाने से आपका पेट खराब हो सकता है।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…