Rajiv Gandhi Birth Anniversary: देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के जन्म दिवस को हर साल सद्भावना दिवस (Sadbhavna Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘समरसता दिवस’ या ‘राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है। सद्भावना मतलब एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखना। 20 अगस्त, 1944 को पैदा हुए राजीव गांधी भारत के छठे प्रधानमंत्री रहे। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फ़िरोज़ गांधी के बड़े बेटे थे। 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदुर में उनकी हत्या कर दी गयी। उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष ‘सद्भावना दिवस’ मनाया जाता है।
महज 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले राजीव गांधी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। आज भारत दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सुपर पॉवर बन गया है। इसकी बुनियाद राजीव गांधी ने 1985 में आईटी क्रांति के जरिए रखी थी। उनके द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है। राजीव गांधी ने देश के भीतर सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और राष्ट्रीय अखंडता का प्रचार करने की कोशिश की। इसे रेखांकित करते हुए कांग्रेस उनकी जयंती को सद्भावना दिवस के तौर पर मनाती है।
पूरे भारत में राजीव गांधी को चाहने वाले लोग सद्भावना दिवस को उत्साह के साथ मनाते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक समारोह, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। कई लोग पर्यावरण के लिहाज से पेड़ लगाकर यह दिन मनाते हैं। कई स्कूलों में सद्भावना रैली आयोजित की जाती है। गांधी परिवार के सदस्य और कांग्रेस पार्टी के नेता वीर भूमि पहुंचकर राजीव गांधी को श्रद्धा-सुमन समर्पित करते हैं।
20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाते हुए देश भर के लोगों द्वारा शपथ भी ली जाती है। जो इस प्रकार है:
“मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करूंगा। मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त कर दूँगा।”
राजीव गांधी की हत्या के एक साल बाद 1992 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की शुरुआत की। यह राष्ट्रीय एकीकरण, सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को पहचानने के लिए स्थापित किया गया था। प्रशस्ति पत्र के अलावा, पुरस्कार में 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी शामिल है। अब तक जिन लोगों को यह पुरस्कार दिया गया है उनमें मदर टेरेसा, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, सुभद्रा जोशी, दिलीप कुमार, लता मंगेशकर,एस एन सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेश और पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन जैसी हस्तियां शामिल हैं।
This post was last modified on August 20, 2019 10:33 AM
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