NRC पर अमित शाह के बयान पर बवाल, भाजपा उम्मीदवार ने कहा- PM के सामने जान दे दूंगा

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मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक(NRC) को लेकर अपने रुख पर कायम है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रैलियों में दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी बिल को पारित कराने के लिए संकल्पबद्ध है। अमित शाह ने कहा था कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि पूरे देश में एनआरसी (NRC) को लागू किया जाए। अमित शाह का कहना है कि इस देश से बुद्ध, हिंदू और सिखों को छोड़ सभी घुसपैठियों को निकाल बाहर किया जाएगा। अमित शाह ने एक रैली को संबोधित करते हुए यह बातें कही थीं।

वहीं दूसरी तरफ भाजपा में ही इस बिल को लेकर विरोध शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय की शिलॉन्ग सीट से भाजपा प्रत्याशी सनबोर शुल्लई ने इस पर पार्टी को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “जब तक मैं जिंदा हूं तब तक नागरिकता संशोधन विधेयक लागू नहीं हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं अपनी जान दे दूंगा। पीएम नरेंद्र मोदी के सामने आत्महत्या कर लूंगा, लेकिन मैं इस विधेयक को किसी भी हालता में लागू नहीं होने दूंगा।”

गौरतलब है कि कि अमित शाह ने दार्जिलिंग में पार्टी के प्रत्याशी राजू बिष्ट के लिए प्रचार के दौरान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार वापस सत्ता में लौटती है तो अनुच्छेद 370 को हटाया जाएगा, साथ ही देशभर में एनआरसी को लागू किया जाएगा।

दूसरी ओर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अमित शाह के हालिया बयान पर चौतरफा निंदा हो रही है। उनके इस बयान से ईसाई समुदाय का एक तबका भी नाराज है। केरल क्रिश्चियन फोरम ने अमित शाह के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह देश के धर्म निरपेक्ष (सेक्यूलर) दर्जे पर, देश की अखंडता और पहचान पर सीधा हमला है। फोरम ने इस बयान पर अमित शाह और बीजेपी से देश और खासकर अल्पसंख्यकों से माफी की मांग की है।

भाजपा अध्यक्ष के बयान पर बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने लिखा: “बीमार. खतरनाक. विभाजनकारी. नफरत. असंवैधानिक. यह बहुत गलत है।” स्वरा भास्कर ने इस तरह अमित शाह के बयान पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

बता दें कि पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में इस बिल के खिलाफ विरोध जारी है। हाल ही में नागालैंड में भाजपा के 37 सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इन सभी सदस्यों ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पार्टी छोड़ दिया था। राज्‍य भाजपा प्रमुख को लिखी चिट्ठी में सदस्‍यों ने कहा था कि वे इसलिए इस्‍तीफा दे रहे हैं क्‍योंकि वे पार्टी के सिद्धांतों से इत्‍तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी ‘हिंदुत्‍व नीति’से है।


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