Legal Notice to Deepak Chaurasia: मीडिया चैनल ‘न्यूज नेशन’ के कंसल्टिंग एडिटर और एंकर दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasia) को उनके एक विवादित ट्वीट के लिए कानूनी नोटिस (Legal Notice) भेजा गया है। अपने इस ट्वीट में दीपक चौरसिया ने केरल (Kerala) में गर्भवती हथिनी की हत्या (Pregnant Elephant Death) के मामले में दो मुस्लिमों को आरोपी बताया था। नोटिस में कहा गया है कि चौरसिया ने जानबूझकर, शरारत और बदनीयत से मुस्लिम भावनाओं को आहत करने का काम किया है।
गौरतलब है कि दीपक चौरसिया के ट्विटर पर 408,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं, और इतनी व्यापक पहुंच के साथ, सांप्रदायिक रंग देकर फेक न्यूज़ फैलाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दीपक चौरसिया ने हिंदी में यह ट्वीट करते हुए लिखा, “केरल के गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या के मामले में अमजद अली और तमीम शेख की गिरफ़्तारी हुई है। इन आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
ट्वीट में गलत तथ्य प्रस्तुत करने के लिए जब चौरसिया की खिंचाई हुई तो उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन इसे हटाए जाने से पहले ट्वीट को कई हजार रीट्वीट और लाइक मिल गए।
एंकर को नोटिस भेजने वाले डॉ. खान ने कहा है कि उनके ट्वीट ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने के लिए पहले से ही चल रहे शातिराना अभियान को और मजबूत करने का काम किया। डॉ. खान ने कहा, “कई यूजर्स ने दावा किया कि गर्भवती हथिनी की मौत की योजना इन दोनों ने बनाई थी और इसके साथ मुस्लिम बहुल आबादी होने के लिए केरल के पलक्कड़ को बदनाम किया गया और भारतीय मुसलमानों को बेवजह टारगेट किया गया।”
Newsd से बात करते हुए डॉ. खान ने कहा कि दीपक चौरसिया ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से फर्जी खबरें फैला रहे हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है कि वह समुदाय को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि उनके ट्वीट के साथ उनका लहजा इस बात का प्रतीक था कि इस देश में सभी गड़बड़ियां मुसलमानों की वजह से ही हैं।
बता दें कि केरल में पिछले दिनों गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में विल्सन नाम के एक व्यक्ति को शुक्रवार 5 जून को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले को कई ट्विटर यूजर्स ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, जिसको लेकर खूब बवाल हुआ। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बाद में ट्विटर पर यह भी बताया कि फ़ौरी तौर पर जांच के बाद पता चला है कि हथिनी ने खुद ही विस्फोटक से भरा फल खा लिया हो, जिससे उसकी मौत हो गई। केरल के कुछ इलाकों में जंगली सूअरों से बचने के लिए लोग ऐसी तरकीबें अपनाते हैं और फलों में विस्फोटक भरकर रख देते हैं।
बहरहाल, घटना के सुर्खियों में आने के बाद पलक्कड़ के एसपी जी शिवा विक्रम ने कहा था कि विल्सन के अलावा किसी व्यक्ति को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया गया था। अमजद अली और तमीम शेख नामक दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बारे में सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को उन्होंने फेक न्यूज़ या अफवाह बताया था।
This post was last modified on June 10, 2020 10:12 AM
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