बिहार का एक महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र खगड़िया एक बार फिर से नया सांसद चुनने के लिए तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में शामिल रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार चौधरी महबूब अली कैसर को संसद जाने का मौका मिला। चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद की कृष्णा कुमारी यादव को हराया। इस बार महागठबंधन खेमे से यह सीट वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के हिस्से गयी है और पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी (सन ऑफ मल्लाह) चुनावी मैदान में हैं। वहीं, एनडीए की ओर से यह सीट एलजेपी (लोजपा) के खाते में गयी है और पार्टी ने फिर से महबूब अली कैसर को टिकट दिया है।
खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
बिहार का खगड़िया जिला सात नदियों गंगा, कमला बालन, कोसी, बूढ़ी गंडक, काली कोसी, करहा और बागमती से घिरा हुआ है। कात्यायनी और अजगैबिनाथ महादेव यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। भौगोलिक जटिलता के कारण इस जगह को फरकिया कहा जाता है। कहते हैं कि मुगल राजा अकबर के शासनकाल में टोडरमल से यहां की जमीन पैमाइश करने का आदेश दिया था, लेकिन नदियों की बहुलता व वन की सघनता के कारण वे इसमें सफल नहीं हो पाये। इस कारण इसका नाम फरकिया पड़ गया। फरकिया अर्थ है फरक या दिन अलग। यहां केले, मक्का और मिर्ची की खेती प्रचुर मात्रा में होती है।
यह लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई। देश के लिए हुए दूसरे लोकसभा निर्वाचन के लिए यहां के लोगों ने पहली बार मतदान किया।राजनीति दृष्टि से भी यहां की जनता ने 1957 से 2014 तक किसी खास दल को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया। कांग्रेस को इस सीट पर 1957, 1962, 1880 व 1984 में तथा सोशलिस्ट पार्टी को 1967,1971, जनता पार्टी को 1977, जनता दल को 1989, 1991, 1996, जनता दल यू को 1999, 2009 समता पार्टी को 1998 तथा राजद को 2004 और लोजपा को 2014 में जीत हासिल हुई।
खगड़िया संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें चार खगड़िया जिले के खगड़िया सदर, परबत्ता, अलौली व बेलदौर हैं तो पांचवां सहरसा का सिमरी बख्तियारपुर व छठा समस्तीपुर जिले का हसनपुर है। खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में कुल 16,53,928 मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाता 8,73,363 और महिला मतदाता 7,80,525 हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में खगड़िया से लोजपा के टिकट पर पहली बार चुनाव जीतकर चौधरी महबूब अली कैसर संसद पहुंचे। चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद की कृष्णा कुमारी यादव को 76 हजार 23 मतों से हराया। उस समय जद यू और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और महागठबंधन ने अपने अलग उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। इस बार भी यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है।
निवर्तमान सांसद: चौधरी महबूब अली कैसर
एमए कैसर, लोजपा – 3,13,806
कृष्णा कुमारी यादव, राजद – 2,37,803
दिनेश चंद्र यादव, जेडीयू – 2,20,316
अधिसूचना जारी | 28 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 4 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 5 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 8 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 23 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
लोकसभा चुनाव 2019: तीसरे चरण में 23 अप्रैल को इन सीटों पर होगी वोटिंग, देखें राज्यवार सूची
बिहार: लोकसभा चुनाव में किस जिले में किस दिन होगा मतदान
This post was last modified on April 22, 2019 3:51 AM
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