बिहार के 40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक सुपौल फिर से नया सांसद चुनने के लिए तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन ने जदयू उम्मीदवार दिलेश्वर कामत को हराया था। बीजेपी के कामेश्वर चौपाल तीसरे स्थान पर रहे थे। एनडीए खेमे से यह सीट जदयू के खाते में गयी है और पार्टी ने दिलेश्वर कामत को ही मैदान में उतारा है। वहीं, महागठबंधन की ओर से मौजूदा सांसद रंजीत रंजन कांग्रेस प्रत्याशी हैं।
सुपौल लोकसभा क्षेत्र में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
सुपौल लोकसभा क्षेत्र सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। सुपौल उत्तर में नेपाल, दक्षिण में मधेपुरा, पश्चिम में मधुबनी और पूर्व में अररिया जिले से घिरा हुआ है। यह इलाका नेपाल से अपनी सीमा को बांटता है। सुपौल प्राचीन काल में मिथिला राज्य का हिस्सा था। बाद में मगध तथा मुगल सम्राटों ने भी राज किया। पर्यटन स्थलों में गणपतगंज का विष्णु मंदिर, धरहारा का महादेव मंदिर, वीरपुर में कोसी बैराज, हुलास का दुर्गा महादेव मंदिर आदि प्रमुख हैं। लोकगायिका शारदा सिन्हा एवं स्व. पंडित ललित नारायण मिश्र इसी इलाके से आते हैं । यह इलाका कोसी नदी के पानी से हर साल आने वाले बाढ़ से प्रभावित होता रहता है। इस इलाके में बाढ़ और रोजगार के लिए पलायन सबसे बड़ी समस्या है।
इस लोकसभा सीट को 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद गठित किया गया। इसके बाद पहली बार 2009 में यहां लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ। 2009 के चुनाव में यहां से जेडीयू के विश्व मोहन कुमार सांसद बने। 2009 के चुनाव में रंजीत रंजन ने सुपौल सीट से अपनी किस्मत आजमाई थीं। लेकिन तब रंजीत रंजन जेडीयू के विश्व मोहन कुमार से डेढ लाख वोटों से हार गई थीं। लेकिन 2014 का चुनाव रंजीत रंजन ने कांग्रेस के टिकट पर सुपौल सीट से लड़ा। मोदी लहर के बावजूद इस बार रंजीत रंजन ने 60000 वोटों से जेडीयू के उम्मीदवार दिलेश्वर कमैत को हरा दिया और लोकसभा पहुंचीं।
क्षेत्रफल के अनुसार यह कोसी प्रमंडल का सबसे बड़ा जिला है। सुपौल लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 5 सीटें आती हैं- निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज और छत्तापुर। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 5 सीटों में 3 जेडीयू, 1 आरजेडी और एक सीट जीतने में बीजेपी कामयाब रही। इस संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या 1,279,549 है, जिसमें से 672,904 पुरुष वोटर और 606,645 महिला वोटर हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार कांग्रेस की रंजीत रंजन को 332927 वोट हासिल हुए। नंबर दो पर रहे जेडीयू के दिलेश्वर कामत जिन्हें 273255 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के उम्मीदवार कामेश्वर चौपाल को 249693 वोट मिले। रंजीत रंजन जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं। इस बार महागठबंधन की रंजीत रंजन और दिलेश्वर कामत के बीच जबरदस्त टक्कर माना जा रहा हैं। रंजीत अपनी सीट बचाने के लिए मशक्कत कर रही हैं तो दिलेश्वर भी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दोनों की किस्मत की चाबी जनता के हाथों में है।
निवर्तमान सांसद: रंजीत रंजन
रंजीत रंजन (कांग्रेस) – 3,29,227
दिलेश्वर कामत (जदयू) – 2,73,255
कामेश्वर चौपाल (भाजपा) – 2,49,693
अधिसूचना जारी | 28 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 4 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 5 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 8 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 23 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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