देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की अपील की। इस अपील के कुछ ही घंटे बाद गुजरात के सूरत में सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने गांव में वापस जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए।
सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करने वाले सैकड़ों लोग मंगलवार को सड़कों पर उतर आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये लोग भी प्रवासी मजदूर थे, जो लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की कमी की समस्या बता रहे थे। ये लोग यहां के वाराछा इलाके में स्थित कपड़ा मिलों में काम करने वाले मजदूर हैं। इनका कहना था कि लॉकडाउन में खाना-पीना नहीं मिल रहा है और ऐसे में इन्हें इनके गांव जाने दिया जाए। बता दें कि सूरत में 40 कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं। इनमें से चार मरीजों की मौत हो चुकी है और 8 ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।
इससे पहले सूरत में राशन को लेकर भी काफी हंगामा हुआ। दरअसल, गुजरात सरकार ने राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को 13 अप्रैल से सरकारी राशन की दुकानों पर मुफ्त अनाज देने की घोषणा की थी। लेकिन सूरत में सोमवार को पहले दिन लंबी लाइन लगाकर खड़े लोगों को राशन नहीं मिला।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा सरकारी राशन की दुकानों पर अनाज नहीं पहुंचाया गया था। इससे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। कई जगह लोग दुकानदारों से उलझ गए तो कई जगहों पर जमकर हंगामा किया। दुकानदारों ने कहा कि अभी तक एपीएल-1 राशन कार्ड धारकों को देने के लिए अनाज नहीं आया है।
इससे पहले शुक्रवार की रात भी हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार अपने वेतन की मांग को लेकर सड़क पर उतर गए थे। ये प्रवासी कामगार अपने वेतन के साथ-साथ अपने घर जाने की अनुमति की मांग भी कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उग्र हुई भीड़ ने करीब आधा दर्जन सब्जी की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। सड़क पर उतरे लोगों में से कई को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।
गौरतलब है कि सोमवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर भी सड़कों पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर उतर आए। इन मजदूरों का कहना था कि उनके पास खाने को कुछ नहीं है। उन्हें उनके गांव वापस जाने दिया जाए। पुलिस प्रशासन ने इन लोगों को समझाने की कोशिश की और इन पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
इस घटना के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि मंगलवार शाम करीब 4 बजे हजारों लोग बांद्रा स्टेशन के बाहर जमा हो गए थे। ये सभी मजदूर थे और लॉकडाउन के चलते अपने घरों में मौजूद थे। उन्हें भरोसा था कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए वह अधीर होकर घरों से बाहर निकल आए। हम उनके खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं।
This post was last modified on April 14, 2020 8:49 PM
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