लॉकडाउन: बनारस में फंसे थे 900 से ज्यादा दक्षिण भारतीय तीर्थयात्री, बसों में भरकर भेजे गए घर

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लॉकडाउन: बनारस में फंसे थे 900 से ज्यादा दक्षिण भारतीय तीर्थयात्री, बसों में भरकर भेजे गए घर

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को लेकर लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। इस लॉकडाउन में काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए हजारों यात्री पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में फंस गए हैं। हिंदी अखबार अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक, सोमवार को लगभग साढ़े नौ सौ दक्षिण भारतीय तीर्थ यात्रियों को उनके घर के लिए रवाना किया गया। इस दौरान यात्रियों की न तो इनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीर्थयात्रियों को बसों में भर-भरकर भेजा गया। एक बस में 45 सीटों पर 45 यात्री थे। 12 बसें सुबह चार बजे रवाना की गईं जबकि आठ बसें देर शाम सोमवार को भेजी गईं। इसके अलावा दो क्रूजर से 12 तीर्थयात्री भेजे गए।


मठों व गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे लोग

सोमवार को रवाना की गईं बसें उन्हें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल लेकर गईं। ये सभी दक्षिण भारतीय यात्री सोनारपुरा और आसपास के क्षेत्रों में स्थित मठों और गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे। इनमें आंध्र तारक आश्रम, साइकिल स्वामी आश्रम, गौड़ीय मठ, केके गेस्ट हाउस, कुमार स्वामी मठ, काशी अन्नपूर्णा यात्री भवन आदि शामिल हैं।

अख़बार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रशासन द्वारा भेजी गई बसों से प्रति यात्री चार हजार रुपये किराया लिया गया। अलग-अलग आश्रमों में लगभग 250 तीर्थ यात्री ऐसे भी हैं, जिनके पास किराया देने के लिए पैसे नहीं हैं। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि वे अपने घर कैसे पहुंचेंगे।


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