झारखंड सरकार राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने जा रही है। सरकार ने देवघर में प्रदेश के पहले संस्कृत विश्वविद्यालय ‘बाबा वैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय’ की स्थापना का फैसला किया है। गुरुवार को राज्य विधानसभा में इस सिलसिले में एक विधेयक भी पारित हुआ। झारखंड विधानसभा में राज्य सरकार ने मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बहिष्कार के बीच ‘झारखंड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2019’ पारित कराया। इसके तहत राज्य के पहले संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की व्यवस्था की गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने सदन में विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना से राज्य के सभी प्रमुख 11 संस्कृत शास्त्री और उपशास्त्री कॉलेजों की संबद्धता का संकट समाप्त हो जायेगा क्योंकि अब तक हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय से संबद्ध रहे ये संस्कृत कॉलेज अब नए संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे।
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उन्होंने कहा कि नए विश्वविद्यालय पर राज्य में संस्कृत और भारतीय पारंपरिक शास्त्रों की शिक्षा का पूरा दारोमदार होगा। मंत्री ने बताया कि प्रारंभ में संस्कृत विश्वविद्यालय में वेद-वेदांत, ज्योतिष, साहित्य, व्याकरण समेत सात स्नातकोत्तर विभागों की स्थापना का निर्णय लिया गया है। साथ ही मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ही इस संस्कृत विश्वविद्यालय को चालू कर देना चाहती है। इसके लिए देवघर में भूमि भी चिह्नित कर ली गई है।
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This post was last modified on July 26, 2019 12:04 PM
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