जेएनयू हिंसा: ममता ने बताया फासिस्ट स्ट्राइक तो उद्धव ने 26/11 से की तुलना, सोनिया गांधी ने कही ये बात

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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई मारपीट और हिंसा से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने इस घटना पर केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि जेएनयू में छात्रों पर हुआ हमला इस बात की चेतावनी है कि असहमति और असंतोष की आवाज का गला घोंटने और कुचलने के लिए सरकार किस हद तक जा सकती है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे फासिस्ट स्ट्रइाक बताया है। जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना की तुलना 26/11 के मुंबई हमले से की है।

छात्रों की आवाज दबाई जा रही: सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है। सत्तारूढ़ मोदी सरकार के सक्रिय उकसावे के साथ गुंडों द्वारा भारत के युवाओं पर की गई हिंसा भयावह और अभूतपूर्व है। यह बहुत ही निराशाजनक और अस्वीकार्य है।’ सोनिया ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह उदाहरण है कि सरकार हर आवाज को कुचल देगी।

उन्होंने कहा, ‘कल कड़ाके की ठंड में जिस तरह से जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों पर हमला किया गया वह इस बात की चेतावनी है कि हर असंतोष की आवाज का गला घोंटने और कुचलने के लिए सरकार किस हद तक जा सकती है।’

सोनिया ने कहा, ‘पूरे भारत में शैक्षणिक परिसरों और कॉलेजों पर भाजपा सरकार से सहयोग पाने वाले तत्व एवं पुलिस रोजाना हमले कर रही है। हम इसकी निंदा करते हैं और स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग करते हैं।’

मुंबई हमलों की दिलाई याद: उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘इसने मुझे 26/11 मुंबई हमलों की याद दिला दी। यह पता लगाने की जरूरत है कि ये नकाबपोश हमलावर कौन थे। इस समय देश के छात्रों के बीच भय का माहौल है। हम सभी को एक साथ आने और उनमें आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है।’

यह फासिस्ट स्ट्राइक है: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘यह बहुत परेशान करने वाला है। यह लोकतंत्र पर सुनियोजित तरीके से किया गया खतरनाक हमला है। जो कोई भी उनके खिलाफ बोलता है उसे पाकिस्तानी और देश का दुश्मन करार दे दिया जाता है। हमने इससे पहले देश में इस तरह की परिस्थिति नहीं देखी थी।’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस फासिस्ट सर्जिकल स्ट्राइक बताते हुए कहा, ‘दिल्ली की पुलिस अरविंद केजरीवाल के नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन है। एक तरफ उन्होंने भाजपा के गुंडे भेजे और दूसरी तरफ पुलिस को निष्क्रिय कर दिया। यदि उन्हें उच्च प्राधिकारी निर्देश देते हैं तो इसमें पुलिस क्या कर सकती है। यह एक फासिस्ट सर्जिकल स्ट्राइक है।’


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This post was last modified on January 6, 2020 3:10 PM

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