Solar Eclipse 2020: सूर्यग्रहण कई मायनों में है खास, ग्रहण से जुड़ी ये बातें आपके लिए भी जानना जरूरी

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Surya Grahan 2020: आगामी रविवार यानि 21 जून को सूर्यग्रहण (Surya Grahan) लग रहा है। ग्रहण से एक दिन पहले ही सूतक काल (Surya Grahan Sutak) शुरू हो जाएगा। ग्रहण का सूतक काल शनिवार यानि कि 20 जून की रात 09:25 PM से शुरू हो जाएगा। ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाई देगा।

यह पूर्ण सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) है। इसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) होने की वजह से दिन में अंधेरा हो जाएगा। धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण (Solar काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह चंद्र ग्रहण के ठीक 16 दिन बाद पड़ रहा है।

ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण, क्योंकि चन्द्रमा (Moon) की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी। रविवार को जो सूर्यग्रहण लग रहा है वह एक दुर्लभ ग्रहण होगा। इस दिन आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनाएगी।

Solar Eclipse 2020: 21 जून को लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण, 900 साल बाद बना ये दुर्लभ संयोग

21 जून को इस साल का सबसे बड़ा दिन होगा और इसी दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है तो इस घटना को वलयाकार सूर्यग्रहण भी कहा जाता है। भारत (India) में सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) को लेकर कई मान्यताएं हैं।

मान्‍यता है कि सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) के दिन किसी पेड़ से पत्ते, फूल और लकड़ी नहीं तोड़नी चाहिए। इसके अलावा बाल और कपड़े भी नहीं निचोड़े जाने चाहिए। सूर्य ग्रहण को लेकर मान्‍यता यह भी है कि ग्रहण के समय कोई भी शुभ या फिर नया काम शुरू करने से परहेज करना चाहिए।

एक मान्‍यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय अगर दूसरे व्‍यक्ति का अन्न खा लिया जाए, तो इससे 12 वर्षों का इकट्ठा किया हुआ सारा पुण्य नष्ट हो जाता है। वहीं यह भी कहा गया है कि इस समय गुरुमंत्र, ईष्टमंत्र या फिर भगवन्नाम का जप जरूर करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय ताला नहीं खोलना चाहिए। वहीं इस दौरान सोना भी नहीं चाहिए।

हालांकि सूर्य ग्रहण के दौरान अगर गायों को घास, पक्षियों को अन्न के साथ ही अगर जरूरतमंदों को वस्त्र का दान दिया जाए, तो इसका कई गुना पुण्य मिलता है। सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। कहा तो ये भी गया है कि 3 दिन या 1 दिन उपवास किया जाए, तो इसका अच्‍छा फल प्राप्‍त होता है।

एक मान्‍यता यह भी है कि किसी संतान वाले गृहस्थ व्‍यक्ति को सूर्य ग्रहण और संक्रांति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए। ग्रहण वेध की शुरुआत में तिल या कुशमिश्रित पानी के इस्‍तेमाल से भी बचना चाहिए या बहुत ही जरूरी हो तभी इसका इस्‍तेमाल करें। सूर्य ग्रहण शुरू होने से लेकर इसके अंत तक अन्न और जल का सेवन नहीं करना चाहिए।

This post was last modified on June 21, 2020 10:54 AM

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