जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने संभाला सेना प्रमुख का कार्यभार, जानें इनसे जुड़ी कुछ खास बातें

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 नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने (Lt Gen Manoj Mukund Naravane) ने मंगलवार को सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण कर लिया। जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने 28वें सेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला है। इससे पहले सेना प्रमुख रहे जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल नरावने फिलहाल उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे। सेना में बिपिन रावत के बाद सबसे वरिष्ठ नरावने सिख लाइट इफेंट्री रेजिमेंट में जून 1980 कमिशन्ड हुए थे।

नरावने अपने 37 साल के कार्यकाल में भारतीय सेना में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य कर चुके हैं। श्रीलंका में शांति सेना के साथ ही जम्मू एवं कश्मीर में उन्होंने राष्ट्रीय राइफल्स का नेतृत्व किया। नरावने म्यांमार में डिफेंस एट्शे के रूप में तीन साल तक काम कर चुके हैं। भारतीय सेना के 13 लाख जवानों के उपप्रमुख के तौर पर उन्होंने 1 सितंबर को पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले वह सेना के पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने के बारे में 5 प्रमुख बातें:

1. लेफ्टिनेंट जनरल नरावने को सेना के पूर्वी कमान की कमान संभालने का अनुभव है, जो भारत की चीन के साथ लगभग 4,000 किलोमीटर की सीमा की देखभाल करती है।

2. जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी माहौल के बीच अपनी 37 वर्षों की सेवा में लेफ्टिनेंट जनरल नरावने ने शांति, क्षेत्र और अत्यधिक सक्रियता में कई कमांड नियुक्तियों में काम किया है।

3. मनोज मुकुंद नरावने ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैन्ट्री बिग्रेड की कमान भी संभाली है।

4. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद वह श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा थे और तीन साल तक उन्होनें म्यांमार में भारतीय दूतावास में भारत के रक्षा प्रशिक्षक के रूप में काम किया था।

5. जनरल मनोज मुकुंद नरावने को जम्मू कश्मीर में अपनी बटालियन की कमान प्रभावी तरीके से संभालने को लेकर सेना पदक मिल चुका है। उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (उत्तरी) के महानिरीक्षक के तौर पर उल्लेखनीय सेवा को लेकर ‘विशिष्ट सेवा पदक’ तथा प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने को लेकर ‘अतिविशिष्ट सेवा पदक’ से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें ‘परम विशिष्ट सेवा पदक’ से भी सम्मानित किया गया है।


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This post was last modified on December 31, 2019 12:57 PM

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