नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद से मुकालात कर हिंद महासागर क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले विभिन्न खतरों पर प्रकाश डाला। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को दी। रावत भारत के लिए मालदीव के सामरिक महत्व को देखते हुए द्वीपसमूह के साथ सैन्य संबंध बढ़ाने के लिए 29 सितंबर से मालदीव के पांच दिवसीय दौरे पर गए हुए हैं।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, रावत और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने मंगलवार को हिंद महासागर को संघर्ष-मुक्त क्षेत्र के रूप में बनाए रखने के लिए विस्तृत चर्चा की।
इस दौरान शाहिद ने ट्वीट किया, “भारत के सैन्य प्रमुख व चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत से मिलकर खुशी हुई। भारत मालदीव के सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हिंद महासागर को संघर्ष-मुक्त क्षेत्र बनाए रखने में एक करीबी भागीदार है।”
मालदीव के एक स्थानीय अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय के कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान जनरल रावत ने मालदीव व भारत के बहुआयामी संबंधों के साथ ही खतरों की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखने के महत्व पर चर्चा की।
समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, रावत ने मालदीव के सुरक्षा बलों की क्षमता को बढ़ाने और उन्हें मजबूत करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा दिए गए योगदान पर प्रकाश डाला।
जनरल रावत ने मालदीव की परिचालन क्षमता को मजबूत करने के लिए सोमवार को उसके राष्ट्रीय रक्षा बल को परिवहन वाहनों का एक बेड़ा और उपकरण भी सौंपे।
रावत अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह से भी मिलने वाले हैं।