भोपाल। मध्य प्रदेश में इंसानी जिंदगी समस्याओं से घिरी हुई है और इनका सिलसिला थम नहीं रहा है, मगर राज्य के सियासी दल कुत्तों के तबादले को लेकर भिड़े हुए हैं। दोनों दलों को इंसानी समस्याओं से ज्यादा कुत्तों के तबादले के मुद्दे को हवा देने में ज्यादा सियासी लाभ होता नजर आ रहा है।
राजधानी स्थित 23वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल की पीटीएस डॉग के अधीन डॉग हैंडलर की तैनाती होती है, इन डॉग हैंडलर को डॉग के साथ तैनात किया जाता है। पिछले दिनों 23वीं वाहिनी की सेनानी सिमाला प्रसाद ने 46 डॉग हैंडलर के डॉग के साथ तबादला करने के आदेश जारी किए। जिन डॉग हैंडलर के तबादले किए गए थे, उनमें तीन डॉग हैंडलर को डॉग स्नीफर नस्ल के डफी, रेणु और सिकंदर को मुख्यमंत्री आवास पर तैनात किया गया है।
डॉग हैंडलर के तबादलों पर राज्य की सियासत गरमा गई है। तबादलों को लेकर पहले से हमलावर भाजपा ने डॉग हैंडलर के तबादलों की बात सामने आते ही हमला तेज कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कमलनाथ सरकार की स्थानांतरण नीति पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि तबादलों से सरकार को ऐसा क्या प्रेम है कि हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला करने से भी उसकी भूख नहीं मिटी, तो अब वह जानवरों तक के थोकबंद तबादले करने पर उतर आई है।
सिंह ने आगे कहा, “पुलिस विभाग में जो स्वान होते हैं, उनके हैंडलर के साथ तबादले समय-समय पर किए जाते हैं, लेकिन तबादलों को अपना मुख्य काम बना चुकी कमलनाथ सरकार अब उनमें इतना खो चुकी है कि उसे पुलिस के स्वान और उसके हैंडलर्स के थोक तबादले करने में भी गुरेज नहीं है। हाल ही में जिस प्रकार से अनाप-शनाप तरीके से 500 किलोमीटर तक पुलिस के स्वानों के तबादले किए गए हैं उसे देख कर सभी हैरान हैं।”
वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि सोच और विचार से गरीब भाजपा के लोगों के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं बचा है। यही कारण है कि वे अब पुलिस डॉग पर ही राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में भी पुलिस मुख्यालय ने पुलिस डॉग हैंडलर के तबादले किए थे। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। दुखद है कि एक विषयहीन मुद्दे को विवादित बनाकर भाजपा मीडिया में छपने के लिए घृणित राजनीति कर रही है।
राज्य सरकार के मंत्री सज्जन वर्मा डॉग हैंडलर के तबादलों को लेकर भाजपा की ओर से किए गए हमलों पर बिफर पड़े। उन्होंने भाजपा के नेताओं की सोच तक पर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा, “डॉग्स के तबादलों पर सवाल उठाने वाले नेताओं की सेाच ही कुत्तों जैसी हो गई है।”
राज्य सरकार के मंत्री वर्मा के बयान का भाजपा विधायक और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “अगर वर्मा कह रहे हैं कि हम कुत्ते हैं तो हां, हम कुत्ते हैं। हम प्रदेश के वफादार कुत्ते हैं और हमेशा अपने लोगों और सुरक्षा बलों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।”
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि विपक्ष और सत्तापक्ष निरर्थक विषयों को खड़ा करने में लगे हुए हैं। चर्चा राज्य की गरीबी के मामले में स्थिति, कुपोषण, शिशु और मातृ मृत्युदर पर होनी चाहिए, मगर चर्चा कुत्तों पर हो रही है। इसके लिए दोनों ही पक्ष जिम्मेदार हैं। विपक्ष निरर्थक मुद्दे उठा रहा है और सत्तापक्ष भी उसी में उलझा हुआ है।
This post was last modified on July 16, 2019 7:42 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…