नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नए नागरिकता (संशोधन) विधेयक के अंतर्गत किसी को भी संबंधित राज्य की सरकार की सहमति के बिना भारतीय नागरिकता प्रदान नहीं की जाएगी।
मंत्रालय के प्रवक्ता अशोक प्रसाद ने कहा, “बिना राज्य सरकार की अनुशंसा के, किसी को भी भारतीय नागरिकता प्रदान नहीं की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “भारतीय नागरिकता के लिए प्रत्येक आवेदन की जांच जिलाधिकारी (डीएम) करेंगे, जो सभी पहलुओं की जांच करेंगे और राज्य सरकार को अनुशंसा करेंगे। राज्य सरकार भी अपनी एजेंसियों द्वारा इसकी जांच करेगी।”
नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है लेकिन यह राज्यसभा में लंबित है। इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है जो भारत में सात साल रह चुके हों।
इस विधेयक का पूर्वोत्तर के राज्यों, खासकर असम में तीखा विरोध हो रहा है। सरकार की तरफ से दिया गया स्पष्टीकरण, कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना किसी को नागरिकता नहीं दी जाएगी, इसी विरोध को शांत करने का प्रयास माना जा रहा है।
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