नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। तमाम विपक्षी दल भी इसकी मुखालफत कर रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में डिटेंशन सेंटर नहीं बनाने की घोषणा की है। उद्धव ठाकरे ने सोमवार को मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान उन्हें यह आश्वासन दिया।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ठाकरे ने मुस्लिम समाज से शांति बनाने रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में एनआरसी लागू करने के बारे में फैसला कोई फैसला नहीं लिया गया है, फिर भी अगर एनआरसी लागू किया भी गया तो वह केवल मुस्लिम समाज के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए होगा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकों को सीएए के बारे में कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। राज्य के किसी भी जाति-धर्म के नागरिकों के अधिकारों को धक्का नहीं लगने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में ड्रग या अन्य प्रकार के अपराध में सजा पाने वाले विदेशी नागरिकों को उनके मूल देश में भेजे जाने तक डिटेंशन कैंप की व्यवस्था है, इसलिए डिटेंशन कैंप को लेकर किसी को गलतफहमी से डरने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर रोक लगाते हुए उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को यह भरोसा दिलाया कि प्रदेश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। दरअसल, गृह मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद फडणवीस सरकार ने अवैध प्रवासियों के लिए महाराष्ट्र में डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश दिया था।
मालूम हो कि अवैध प्रवासियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने की चर्चा जोर-शोर से चल रही है। रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि देश में डिटेंशन सेंटर को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को इसको लेकर गुमराह किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों में अफवाह फैलाई जा रही है कि देश के मुसलमानों को मुस्लिम डिटेंशन कैंप में भेजा दिए जाएगा। कांग्रेस और उसके साथी अर्बन नक्सली एनआरसी पर देश के मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर का डर दिखा रहे हैं जबकि उनकी सरकार बनने के बाद से आज तक एनआरसी शब्द की कभी चर्चा तक नहीं हुई।
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां भी लामबंद होने लगी हैं। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 23 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी ने अपने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर शांतिपूर्ण विरोध किया। इस मौके पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।
This post was last modified on December 24, 2019 12:28 PM
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