कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है। घरों में बंद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित समाज के निचले और गरीब तबके के लोग हुए हैं। सरकारें लोगों को राशन आदि मुहैया करवाने की कोशिश कर रही है। हालाँकि, बिहार के रोहतास जिले के करगहर के अमवलिया महादलित टोले में राशन कार्ड नहीं रहने पर 13 परिवारों को अब तक अनाज नहीं मिला है। इस वजह से रविवार को लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने ही घरों के दरवाजे पर थाली पीट कर विरोध दर्ज किया। इस विरोध में मोहल्ले के बच्चे-बड़े सभी शामिल हुए।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमवलिया महादलित टोले के लोगों का कहना है कि टोले में 20 घर है जिसमें सिर्फ 7 परिवारों के पास ही राशन कार्ड बना हुआ है। सरकार ने आंगनवाड़ी तथा जीविका दीदी के माध्यम से बिना राशन कार्ड वाले परिवारों को भी राहत देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक इन लोगों तक राहत नहीं पहुंची है।
गांव के लोगों का कहना है कि ज्यादातर लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है। इस वजह से उन लोगों को सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद अभी तक सिर्फ आवेदन लिए गए हैं। लेकिन किसी तरह का खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया गया है। गौरतलब है कि बिहार में प्रशासनिक दावों के विपरीत गरीबों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी भी खूब हो रही है। राशन कार्ड में ऐसे हजारों नाम शामिल हैं जिन्हें कार्ड की जरूरत नहीं है और जिन्हें जरूरत है उन्हें अनाज नहीं मिल रहा है।
This post was last modified on April 26, 2020 4:02 PM
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