नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर में घमासान जारी है। असम में बुधवार को भी कई जगह व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध के मद्देनजर, असम सरकार ने राज्य के कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबन आज शाम 7 बजे लागू होगा। सरकार के आदेश के बाद राज्य के लखीमपुर, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चराइदेव, सिबसागर, जोहट, गोलाघाट, कामरूप (एम) और कामरूप जिलों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
लोकल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, असम सचिवालय के कर्मचारी भी अपने कार्यालयों से बाहर आकर गुवाहाटी के दिसपुर में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों में शामिल हो गए हैं।
राज्य सचिवालय के निकट छात्रों के एक बड़े समूह और पुलिस के बीच बुधवार को झड़प हुई। सभी दिशाओं से बड़ी संख्या में छात्रों को सचिवालय की ओर बढ़ते देखा गया। वहीं एक अन्य समूह गणेशगुरी क्षेत्र तक पहुंच गया जिससे सचिवालय सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है। छात्रों ने जीएस रोड पर अवरोधक को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया। छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी दागे गए जिसे पुलिसकर्मियों पर छात्रों ने उठाकर फेंका।
छात्रों ने बताया कि उनमें से कई लाठीचार्ज में घायल हो गए। उन्होंने कहा, “सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बर्बर सरकार है। जब तक कैब वापस नहीं लिया जाता है तब तक हम किसी दबाव में नहीं आएंगे।” गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़ जिले में प्रदर्शनकारियों की झड़प पुलिस से हुई और पत्थरबाजी में एक पत्रकार घायल हो गया।
पुलिस ने बताया कि स्थिति पर काबू पाने के लिए डिब्रूगढ़ में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबड़ की गोलियां चलाई और लाठीचार्ज भी किया। जोरहाट, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, तिनसूकिया, शिवसागर, बोंगाईगांव, नगांव, सोनीतपुर और कई अन्य जिलों में सुबह लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले। असम में लोगों के विरोध-प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर टायर जलाए गए हैं। वाहनों और ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों और पटरियों पर लकड़ियों के कुंदे रख दिए गए हैं। डिब्रूगढ़ में चौलखोवा में रेलवे पटरियों और सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। जिले के मोरन में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया और रबड़ की गोलियां चलाई गई।
केंद्र सरकार ने असम के हालात को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में तैनात किए गए पैरा मिलिट्री जवानों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। इन जवानों को असम भेजा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ की 10 कंपनियों को असम भेजा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से 20 कंपनियों को बुलाकर असम भेजा जा सकता है।
सुरक्षा बलों को आसानी से असम पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाई गई है। दिमापुर में स्पेशल ट्रेने के आने पर एक अधिकारी ने बताया, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में ऑपरेशन के लिए भेजी जा रही सीआरपीएफ की सात कंपनियों के इंडक्शन ऑर्डर को कैंसल कर दिया है। इन्हें केंद्र सरकार असम भेजने वाली है।’
गौरतलब है कि असम के लोग शुरुआत से ही इस बिल का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। इसी को देखते हुए कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। कई ट्रेनों के टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है।
This post was last modified on December 11, 2019 6:16 PM
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