महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के सिर्फ तीन दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उनसे पहले मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस्तीफा दे दिया। देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। आइये जानते हैं किसने क्या कहा…
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, “बीजेपी नेता नितिन गडकरी जी कह रहे थे कि क्रिकेट और राजनीति में कभी भी और कुछ भी हो सकता है, शायद वे भूल गए थे कि शरद पवार ICC के अध्यक्ष रह चुके हैं , कर दिया ना क्लीन बोल्ड।”
कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे संवैधानिक लोकतंत्र की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार बना लेंगे। यह सिर्फ देवेंद्र फडणवीस की विफलता नहीं है लेकिन दिल्ली में बैठे लोगों के मुंह पर तमाचा है। कांग्रेस ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
केसी वेणुगोपाल ने आगे कहा कि आज शाम तीनों दलों की एक बैठक होगी और उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। बैठक में संयुक्त रूप से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इस बैठक में उद्धव ठाकरे को नेता चुना जा सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘जनमत’ को अगुवा करने वालों के ‘अल्पमत’ की पोल खुल ही गई। अब साफ़ है कि भाजपा में चाणक्यनीति के मायने प्रजातंत्र का अपहरण है। देवेंद्र फड़नवीस व अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि उनकी सरकार झूठ व दलबदल पर आधारित थी जो ताश के पत्तों सी गिर गई। आज का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की जबाबदेही भी सुनिश्चित करने का है।
वहीं सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आज संविधान दिवस पर संविधान को मानने वालों की जीत हुई है और नकारने वालों की करारी हार हुई है।
आपको बता दें कि इस्तीफे का ऐलान करने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता का ठीकरा शिवसेना पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल किया था, लेकिन हमें जनता ने 105 सीटें देकर ज्यादा समर्थन दिया। लेकिन, शिवसेना ने यह देखते हुए कि उसके बगैर सरकार नहीं बन सकती है तो वह सीएम की मांग पर अड़ गई, जबकि ऐसी कोई तय नहीं हुई थी।
फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद तीनों पार्टियां 10 दिन तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तक तय नहीं कर पाए। उनका मकसद सिर्फ भाजपा को हटाकर सत्ता पाना है। उन्होंने कहा कि शिव सेना का हिंदुत्व अब सोनिया जी के चरणों में नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तीन पार्टियों वाली सरकार का भविष्य लंबा नहीं है। तीन पार्टियों की सरकार अपने बोझ तले दबेगी। तीनों पहियों तीन दिशाओं में चलेंगे और महाराष्ट्र जैसा अगड़ा राज्य की क्या परिस्थिति होगी इसके बारे में मैं कह नहीं सकता। हम विपक्ष में बैठकर जनता के लिए काम करेंगे। गरीबों की आवाज को सरकार तक पहुंचाएंगे।
This post was last modified on November 26, 2019 5:58 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…