लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में 11 अप्रैल को देश भर की अलग-अलग सीटों पर मतदान हुए। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर भी वोट डाले गए। इन्हीं 8 सीटों में से एक पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भी मतदान सम्पन्न हुआ।
उत्तर प्रदेश के प्रथम चरण के चुनाव के दौरान 63.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र में 66.66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं 2014 में मतदान प्रतिशत 69.64 था।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ‘जाटलैंड’ कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने के लिए तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजीव बालियान इस सीट पर बड़ी जीत कर हासिल कर आए थे। इस बार कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार नहीं उतारे जाने से मुकाबला बीजेपी और सपा-बसपा-आरएलडी उम्मीदवार के बीच होना तय है। यहां से गठबंधन के उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख चौधरी अजित सिंह हैं, जबकि बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद संजीव बालियान पर ही फिर से दांव लगाया है।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को वोट डाले गए। यहां मतदान का प्रतिशत 66.66 फीसदी रहा।
मुजफ्फरनगर संसदीय सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभाएं आती हैं – बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली, सरधना। ये पांचों ही सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में हैं। इनमें सरधना सीट से ठाकुर संगीत सोम विधायक हैं, जो अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के संजीव बालियान को जीत मिली थी। संजीव कुमार बालियान को 653,391 वोट मिले थे। उन्होंने बसपा के कादिर राणा को पराजित किया था। कादिर को 252,241 वोट मिले थे। वहीं, तीसरे नंबर पर सपा के विरेंदर सिंह थे जिन्हें कुल 160,810 वोट मिले।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर करीब 16 लाख वोटर्स हैं। इनमें पुरुष वोटर 875186 और 713297 महिला वोटर हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 69.7 फीसदी मतदान हुआ था। 2014 में इस सीट पर NOTA के खाते में 4739 वोट गए थे। इस सीट पर 27 फीसदी मुस्लिम वोटर मौजूद हैं।
इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन कांग्रेस ने इस सीट पर कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। वहीं शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) ने इस सीट से ओमबीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
आपको बता दें कि 1991 में हुए चुनाव में यहां पहली बार भाजपा ने जीत दर्ज की। उसके बाद फिर 1996 और फिर 1998 के लोकसभा चुनाव में भी यहां भाजपा ने जीत दर्ज की। 1999 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली। हालांकि, 2004 और 2009 में ये सीट क्रमश: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई। 2014 में चली मोदी लहर ने इस सीट को दोबारा बीजेपी की झोली में डाल दिया। हालांकि, इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के लिए राह आसान नहीं है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जाटों की नाराजगी काफी मुश्किल का विषय बनी थी।
निवर्तमान सांसद: संजीव बालियान
संजीव बालियान, बीजेपी – 6,53,391
कादिर राणा, बसपा – 2,52,241
वीरेंद्र सिंह, सपा – 1,60,810
अधिसूचना जारी | 18 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 25 मार्च |
नामांकन पत्र की जांच | 26 मार्च |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 28 मार्च |
मतदान की तारीख | 11 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
देखें, यूपी में बीजेपी, कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंंधन के उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट
सहारनपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम
कैराना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम
लोकसभा चुनाव 2019: पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को इन सीटों पर होगी वोटिंग, देखें राज्यवार सूची
This post was last modified on April 12, 2019 5:22 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…