उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों (Uttar Pradesh Assembly By polls) के लिए कांग्रेस (Congress) ने शुक्रवार को पांच उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इनमें से कानपुर जिले की गोविंदनगर सीट (Govind Nagar Vidhan Sabha Constituency) से कांग्रेस ने एनएसयूआई नेता करिश्मा ठाकुर (Karishma Thakur) को चुनावी मैदान में उतारा है। मजेदार बात ये है कि करिश्मा ठाकुर आज की तारीख में चुनाव लड़ने के योग्य भी नहीं हैं। दरअसल, वह अभी 24 साल की ही हैं और चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 साल होती है। हालांकि, रविवार 15 सितंबर को करिश्मा ठाकुर उम्र की इस दहलीज को पार कर जाएंगी। यानी वह 25 साल की हो जाएंगी।
बता दें कि करिश्मा ठाकुर (Karishma Thakur) फ़िलहाल कांग्रेस की छात्र इकाई राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) की राष्ट्रीय महासचिव हैं। साथ ही वह एआईसीसी (ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी) की सदस्या भी हैं। वह छह साल से दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की छात्र राजनीति में सक्रिय रही हैं। इस दौरान उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी की। अब वह मुख्यधारा की राजनीति में पहला कदम रखने जा रही हैं।
करिश्मा ठाकुर (Karishma Thakur) की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर नज़र डालें तो पता चलता है कि राजनीति एक तरह से उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता राजेश सिंह लखनऊ के क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सरसौल विधानसभा और बसपा के टिकट पर कन्नौज सीट से लोकसभा का भी चुनाव लड़ा हुआ है।
लखनऊ के सेंट मैरी कानवेंट से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद करिश्मा ने साल 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कालेज में दाखिला लिया। यहीं से उनकी राजनीतिक पारी का भी आगाज हुआ। एनएसयूआई से जुड़ने के बाद फर्स्ट ईयर में ही उन्होंने दिल्ली छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और पहले प्रयास में जीत हासिल कर डूसू महासचिव बनीं। साल 2016 में लक्ष्मीबाई कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स पूरा किया। इसके बाद 2017 में वह एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव बनीं। इसी साल उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है।
टिकट मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए करिश्मा ने कहा कि वह पार्टी और प्रियंका गांधी के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी। उन्होंने कहा, “पार्टी ने युवा और महिला को टिकट दिया है। वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण सबसे ज्यादा युवा और महिलाएं ही परेशान हैं।यह चुनाव न तो सरकार बनाने के लिए है न गिराने के लिए। इस चुनाव में जनता अपना विधायक चुनेगी और वह अपने बीच के व्यक्ति को प्राथमिकता देगी।”
ज्ञात हो कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में गोविंदनगर सीट से बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ने जीत दर्ज की थी। पचौरी अब कानपुर से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बन चुके हैं। इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
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