मोदी सरकार टिकटॉक (TikTok) और हेलो (Helo) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाने की फिराक में है। सरकार ने टिकटॉक और हेलो को नोटिस भेजा है। मीडिया खबरों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की थी कि इन प्लेटफॉर्म्स का प्रयोग राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। इसी का संज्ञान लेते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने नोटिस भेजा है। इस नोटिस में सरकार ने 21 सवाल पूछे हैं। इन सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाने की स्थिति में सरकार TikTok और Helo पर बैन लगा सकती है।
हैदराबाद: झील के पास TikTok वीडियो बनाना युवक को पड़ा भारी, डूब कर हुई मौत
नोटिस में सरकार ने पूछा है कि ऐप उपभोक्ता का कितना डाटा इकट्ठा करता है और कंपनी सिंगापुर व अमेरिका के अलावा कहां डाटा स्टोर करती है। साथ ही क्या कंपनी किसी तीसरे व्यक्ति से साथ डेटा शेयर करती है और क्या कंपनी की भारत मे सर्वर लगाने की योजना है। इसके अलावा सरकार ने ये भी स्पष्ट करने को कहा है कि कंपनी 18 साल के कम उम्र वाले उपभोक्ताओं को किस तरह वेरीफाई करती है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने दोनों एप को लेकर संगठन की चिंताएं जाहिर की थी। उनका आरोप था दोनों एप भारत के युवाओं के ‘निहित हितों’ से प्रभावित होने का माध्यम बन रहे हैं, और हाल के सप्ताहों में ‘टिकटॉक’ राष्ट्रविरोधी सामग्री का अड्डा बन गया है, जिसे एप पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है। यह हमारे समाज के तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकता है।
तीन साल पहले लापता हुआ था शख्स, पत्नी ने TikTok पर किन्नर के साथ इश्क लड़ाते पकड़ा
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘हेलो’ एप द्वारा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 11 हजार से अधिक विरूपित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए सात करोड़ रुपये का भुगतान करने का पता चला है। उन्होंने कहा, ‘इन विज्ञापनों में से कुछ में वरिष्ठ भारतीय नेताओं की विरूपित की गई तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। भाजपा के पदाधिकारियों ने स्वयं पिछले आम चुनावों के दौरान इन चिंताओं को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखे थे।’
उनकी मांग है की गृह मंत्रालय देश में ‘टिकटॉक’ और ‘हेलो’ सहित अन्य चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक ने दावा किया कि ‘टिकटॉक’ और चीन सरकार के हस्तक्षेप के गठजोड़ का इस्तेमाल भारतीय नागरिकों के निजी जीवन तक पहुंच बनाने और देश में ‘सामाजिक उथल-पुथल उत्पन्न करने’ के लिए किया जा सकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले अप्रैल में मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि सरकार टिकटॉक की डाउनलोडिंग पर रोक लगाए। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा था कि सरकार टिकटॉक के वीडियो को फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर होने पर भी रोक लगाए। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या वह ऐसा कोई कानून लाएगी जिससे बच्चों को साइबर क्राइम से बचाया जा सके और उन्हें दूर रखा जा सके। हालाँकि, बाद में कोर्ट ने टिकटॉक के ऊपर से बैन हटा लिया था।
इस ऐप का इस्तेमाल कर लोग दिख रहे बूढ़े, सोशल मीडिया पर छाया #FaceAppChallenge
This post was last modified on July 18, 2019 4:02 PM
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…