नई दिल्ली, 28 सितम्बर (आईएएनएस)| वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) को 15 अक्टूबर तक अपना बकाया चुकाने को कहा है। इसके साथ ही सार्वजनिक कंपनियों को अगली चार तिमाही में किए जाने वाले खर्च की योजना भी सौंपने को कहा गया है। सीतारमण ने सीपीएसई के 32 प्रतिनिधियों के साथ यहां एक बैठक की। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सभी लंबित बकाया हासिल करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि देय भुगतानों की निकासी की निगरानी के लिए 15 अक्टूबर तक एक ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया जाएगा।
मंत्री ने अगले 4 तिमाहियों के लिए सीपीएसई की अनुमानित पूंजी 15 अक्टूबर तक मांगी है।
सीतारमण ने कहा कि सरकार मध्यस्थता से संबंधित दावों की समीक्षा कर रही है और इस मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच एक बैठक आयोजित की जाएगी।
पूंजीगत व्यय के संदर्भ में सरकार को उम्मीद है कि शेष वित्तीय वर्ष के लिए कुल सीपीएसई कैपिटल एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी।
प्रेस वार्ता में वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) इस बात को सुनिश्चित करते हुए जारी रखा जाए कि बकाया भुगतान में विलंब न हो।
उन्होंने खुलासा किया कि विभिन्न सीपीएसई के पास अगस्त 2019 तक 48,077 करोड़ रुपये की कैपेक्स पूंजी है। यह राशि दिसंबर तक लगभग 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
इस दौरान व्यय सचिव जी. सी. मुर्मू ने कहा कि 200 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का कुल कैपेक्स चालू वित्त वर्ष में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा।
मुर्मू ने कहा कि तीन से चार सीपीएसई ने सरकारी समर्थन की आवश्यकता का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सीपीएसई को स्थिति की समीक्षा करने और आवश्यकताओं के लिए एक आंकड़ा तैयार करने के लिए कहा है।
सीतारमण ने महारत्न और नवरत्न सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और अभी तक के पूंजीगत व्यय के साथ ही इस वित्तीय वर्ष की अगली दो तिमाहियों के लिए भी इस खर्चे की समीक्षा की।
इस बैठक में वित्त सचिव राजीव कुमार व व्यय सचिव मुर्मू के अलावा डीईए सचिव अतनु चक्रवर्ती और 32 सीपीएसई के प्रमुख / प्रतिनिधि मौजूद रहे।