कोविड-19 : आईआईटी रुड़की ने बनाया फेस शील्ड, एम्स-ऋषिकेश में हो रहा इस्तेमाल

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नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| आईआईटी रुड़की ने एम्स-ऋषिकेश के हेल्थकेयर पेशेवरों की कोविड-19 से फ्रंटलाइन सुरक्षा के लिए कम लागत वाला फेस शील्ड विकसित किया है। फेस शील्ड का फ्रेम 3डी प्रिंटेड है। कोविड-19 रोगियों के वार्ड में प्रवेश करते समय स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ ही इस शील्ड का उपयोग किया जा सकता है। सुरक्षा कवच की डिजाइन स्पेक्टेकल के प्रकार की है और इस शील्ड को बदलना बहुत आसान है, क्योंकि पारदर्शी शीट पुन: उपयोग में आने वाली फ्रेम से बंधी नहीं होती है। शीट की लागत केवल 5 रुपये है। प्रति शील्ड की निर्माण लागत लगभग 45 रुपये हैं। बड़े पैमाने पर निर्माण करने पर प्रति शील्ड लागत केवल 25 रुपये आएगी।

एम्स-ऋषिकेश के प्रोफेसर रविकांत ने कहा, “मैं फ्रंटलाइन हेल्थकेयर पेशेवरों की सुरक्षा के लिए फेस शील्ड विकसित करने के इस सराहनीय काम के लिए आईआईटी रुड़की को बधाई देना चाहूंगा। मुझे पूरा विश्वास है कि यह फेस शील्ड न केवल हमारे संस्थान के लिए, बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।”


इस शील्ड को आईआईटी रुड़की के रि थिंक! द टिंकरिंग लैब में विकसित किया गया है। टिंकरिंग लैब आईआईटी रुड़की के छात्रों के लिए एक तकनीकी सुविधा है। टिंकरिंग लैब छात्रों को कुछ नया और बेहतर करने के लिए एक मंच प्रदान करने के साथ ही उनके बीच सरल भाव पैदा करता है। यह नवाचार, प्रयोग, कल्पनाशीलता और अन्य प्रकार की रचनात्मकताओं को बढ़ावा देता है।

आईआईटी रुड़की के टिंकरिंग लैब के समन्वयक प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि यह फेस शील्ड उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए हमारी ओर से एक छोटी-सी भेंट है, जो मानवजाति के कल्याण के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने कहा, “हम कोविड-19 रोगियों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और उनके अथक प्रयासों की सराहना करते हैं। मुझे यकीन है कि यह फेस शील्ड बीमारी के संचरण जोखिम को कम करने में मदद करेंगे और इन कर्मियों को स्वास्थ्य संबंधी खतरे से सुरक्षित रखेंगे।”


एम्स-ऋषिकेश के अनुरोध पर आईआईटी रुड़की अपने पहले 100 फेस शील्ड इस स्वास्थ्य संस्थान को भेजेगा।

आईआईटी रुड़की इंजीनियरिंग, विज्ञान, प्रबंधन, वास्तुकला एवं योजना, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में उच्च शिक्षा प्रदान करने वाला एक राष्ट्रीय संस्थान है। वर्ष 1847 में अपनी स्थापना के बाद से संस्थान ने तकनीकी मानव संसाधन और समृद्ध राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टाइम्स हायर एजुकेशन एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019 में संस्थान को आईआईटी संस्थानों में तीसरा व उद्धरण मापदंड के आधार पर भारत के सभी संस्थानों में पहला स्थान दिया गया है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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