जेनसेट पर प्रतिबंध लगने के बाद गुरुग्राम की सोसायटीज में अबाधित बिजली आपूर्ति की मांग

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गुरुग्राम, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रदूषण नियामक प्राधिकरण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(जीआरएपी)ने गुरुवार से राष्ट्रीय राजधानी में डीजल जेनरेटर्स के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

हालांकि अस्पताल, रेलवे, मेट्रो और अन्य बेहद जरूरी सेवाओं के लिए जनरेटर्स के प्रयोग पर छूट प्रदान की गई है।


गुरुग्राम में प्रदूषण विभाग के अनुसार, शहर में दोनों आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र मिलाकर करीब 10,000 जेनरेटर संचालित होते हैं।

गुरुग्राम में, करीब 2 लाख निवासी या तो आंशिक रूप से या फिर काफी हद तक जेनसेट पर निर्भर हैं। निवासी इन सोसायटी में कई वर्षो से रह रहे हैं, लेकिन कई बिल्डर्स ने स्थानीय कनेक्शन के लिए न तो बकाया चुकाया है और ना ही अन्य निर्देश पूरे किए है, जिस वजह से वे पूरी तरह से पॉवर बैकअप पर निर्भर हैं। इनमें से पांच सोसायटी ऐसी हैं जो पूरी तरह से जनरेटर्स पर निर्भर है।

गुरुग्राम के एक वरिष्ठ नागरिक आनंद साहा ने कहा, “हम एलीवेटर्स जैसी आवश्यक सेवाओं का प्रयोग करते हैं। और यहां कई बच्चे और वरिष्ठ नागरिक रहते हैं। इनमें से कई गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ रोगियों के लिए, दवाईयों को एक निश्चित तापमान में रखना जरूरी है। ये सभी चीजें अबाधित बिजली आपूर्ति पर निर्भर करती है।”


हालांकि डिस्कॉम के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास 11,000 मेगावाट के बेस पीक डिमांड के एवज में 12,500 मेगावाट की सरप्लस बिजली है और वे फिलहाल डिजल जेनरेटर्स पर निर्भर इन सोसायटीज और कॉलोनियों में पॉवर सप्लाई कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में 5,540 डीजल जेनरटर्स हैं, जिसकी क्षमता 100 किलोवाट है।

न्यू गुरुग्राम की निवासी नेहा राणा ने कहा, “लगातार बिजली जाने से कार्यालय का काम बाधित होता है और यह उनके लिए मुश्किल है जो घर से काम करते हैं। राज्य सरकार को इन समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त संरचना मुहैया कराना चाहिए।”

–आईएएनएस

आरएचए/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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