नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। इस 8 मार्च से, सुप्रीम कोर्ट में फिर से फीजिकल सुनवाई शुरू होने की संभावना है। पिछले साल मार्च में, शीर्ष अदालत ने कोरोना की वजह से फीजिकल सुनवाई को बंद कर दिया था और सुनवाई के लिए टेक्नॉलोजी का सहारा लिया था।
8 मार्च को, एक संविधान पीठ शिक्षा और नौकरियों में मराठा समुदाय के आरक्षण के खिलाफ अंतिम बहस की सुनवाई शुरू करेगी। महाराष्ट्र विधानसभा में नवंबर 2018 में यह विधेयक पारित हुआ था। आरक्षण पर इस फैसले को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने जून 2019 में बरकरार रखा था, लेकिन सितंबर 2020 में शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील के बाद इसपर रोक लगा दी थी।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, एस. अब्दुल नाजेर, हेमंत गुप्ता और एस. रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में 8 मार्च को हाइब्रिड तरीके से सुनवाई शुरू करेगी।
पीठ ने कहा, अगर फीजिकल सुनवाई तब शुरू होती है, तो फीजिकल मोड के माध्यम से सुनवाई होगी, और जो लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बहस में भाग लेना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं।
संक्षिप्त सुनवाई के बीच, न्यायमूर्ति राव ने हल्के-फुल्के अंदाज में महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि अदालत लगभग एक साल से उन्हें फीजिकली मिस कर रही है।
–आईएएनएस
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