आंध्र प्रदेश : कैबिनेट मंत्री फॉक्सवैगन मामले में सीबीआई की अदालत में हुए पेश

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हैदराबाद, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बोत्सा सत्यनारायण मंगलवार को 14 साल पुराने फॉक्सवैगन मामले में गवाह के तौर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में पेश हुए। शहरी विकास मंत्री बीते सप्ताह जारी किए गए सम्मन के जवाब में अदालत में पेश हुए।

सत्यनारायण के इस मामले में 60वें गवाह के तौर पर बयान रिकॉर्ड किए जाने की उम्मीद है।


वह अविभाजित आंध्र प्रदेश में 2005 में वाई.एस.राजशेखर रेड्डी की सरकार में उद्योग मंत्रई थे। 2005 में यह घोटाला सामने आया था।

राज्य सरकार ने कथित तौर पर वशिष्ठ वहॉन प्राइवेट लिमिटेड को विशाखापत्तनम में फॉक्सवैगन मैन्युफैक्चरिंग ईकाई की स्थापना के लिए 11.67 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

हालांकि, वशिष्ठ वहान एक काल्पनिक ईकाई के तौर पर सामने आया।


यह घोटाला 2005 में सामने आया जब फॉक्सवैगन ने भारतीय परिचालन के अपने प्रमुख हेल्मुट स्चूस्टर को कुछ अन्य सौदों में भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया। स्चूस्टर फॉक्सवैगन की तरफ से आंध्र प्रदेश सरकार से कार प्लांट की स्थापना के लिए बातचीत कर रहे थे।

विपक्ष द्वारा सत्यनारायण और कुछ अन्य पर वशिष्ठ वहान को संदिग्ध तरीके से राशि का भुगतान किए जाने के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच का आदेश दिया।

सीबीआई ने 2010 में स्चूस्टर सहित छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। उन पर आपराधिक साजिश व धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। हालांकि, सत्यनारायण को मामले में गवाह के तौर पर शामिल किया गया।

अन्य आरोपियों में कारोबारी जगदीश अलगा राजा और उनकी बहन गायत्री चंद्रवदनन, अशोक कुमार जैन, भुवन कुमार चतुर्वेदी और जोसेफ वी. जॉर्ज शामिल हैं। वे कथित तौर पर स्चूस्टर से मिले हुए थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने 2015 में मामले में एक आरोप पत्र दाखिल किया था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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