शिमला, 7 जुलाई (आईएएनएस)| हर बार जब आप ‘चीयर्स’ कहेंगे, तो वास्तव में आप हिमाचल प्रदेश में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देंगे।
राज्य एक नीति लाई है, हिमाचल प्रदेश फिल्म नीति-2019, जो न केवल बड़े पैमाने पर फिल्म शूटिंग की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि फिल्म निर्माण से संबंधित गतिविधियों का सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित करेगी।
राज्य के फिल्म निर्माण एवं प्रबंधन प्रभाग के संयुक्त निदेशक महेश पठानिया ने आईएएनएस को बताया कि फिल्म से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास और क्षेत्रीय फिल्म निमार्ताओं को अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन देने के लिए एक फिल्म विकास फंड बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस फंड के लिए राज्य में शराब की प्रत्येक बोतल पर 50 पैसे उपकर लगाया गया है।
शिमला सालों से फिल्म निमार्ताओं के बीच पसंदीदा शूटिंग स्थल रहा है।
श्वेत-श्याम फिल्मों जैसे ‘लव इन शिमला’ से लेकर नए युग के रोमांस ‘जब वी मेट’ तक, यह सुरम्य पहाड़ी शहर एक बहुत पसंदीदा रहा है।
इस खूबसूरत शहर में ‘किंग अंकल’, ‘ये दिल्लगी’, ‘बादल’, ‘गदर – एक प्रेम कथा’, ‘एलओसी’ और ‘राजू चाचा’, ‘बैंग बैंग’ जैसी दर्जनों फिल्मों की शूटिंग हुई है।
महानायक अमिताभ बच्चन, जिन्होंने यहां कई फिल्मों की शूटिंग की, वह शूजीत सरकर की ‘शूबाइट’ के लिए यहां आए थे।
पठानिया, जिनका यह नीति बनाने के पीछे हाथ है, उन्होंने कहा कि नई नीति से राज्य में शूटिंग आसान हो गई है।
सरकार ने फिल्म और टीवी धारावाहिक निमार्ताओं को इस क्षेत्र में शूटिंग करने की अनुमति देने के लिए पहले ही सिंगल-विंडो सिस्टम की व्यवस्था कर रखी है।
भारतीय फिल्म निर्माताओं को हमेशा से बर्फ से ढके पहाड़ और देवदार के पेड़ों को पर्दे पर दिखाना अच्छा लगता है और कई दशकों पहले ही हिमाचल की वादियां उनकी नजर में भा गई थीं।
कुल्लू जिले में स्थित मनाली भी उनका सर्वकालिक पसंदीदा स्थल रहा है।
गोविंदा अभिनीत ‘नॉटी एट 40’ जैसी फिल्म की शूटिंग वहां और उसके उपनगरों में हुई। अक्षय कुमार और ऐश्वर्या राय की ‘एक्शन रिप्ले’ और रिया सेन-विनय पाठक की ‘तेरे मेरे फेरे’ भी इस खूबसूरत हिल स्टेशन में फिल्माई गई।
शिमला के एक कलाकार संजय सूद, जिन्होंने ‘3 इडियट्स’, ‘मैं ऐसा ही हूं’, ‘करीब’ और ‘मदारी’ में भूमिकाएं निभाईं हैं, उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में उथल-पुथल के बाद से बॉलीवुड के दिग्गज हिमाचल प्रदेश की ओर ज्यादा आकर्षित हुए हैं।
हिमाचल के सिने सोसाइटी के सचिव सूद ने कहा, “अब सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी फिल्म उद्योग के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण होगी।”
हिमाचल प्रदेश ने बॉलीवुड को कंगना रनौत, अनुपम खेर और गायक मोहित चौहान जैसे कई बड़े नाम दिए हैं।
नीति के अनुसार, हिमाचल प्रदेश फिल्म विकास परिषद की स्थापना फिल्म उद्योग के दीर्घकालिक विकास के लिए की जाएगी। इसकी कार्यकारी समिति फिल्म निर्माताओं को वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए पात्रता और तय मानदंडों की जांच करेगी।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा एक फिल्म फैसिलिटेशन यूनिट की स्थापना की जाएगी।
राज्य फिल्म सिटी या सिटीज की स्थापना करेगा और फिल्म स्टूडियो की स्थापना को बढ़ावा देगा। यह फिल्म यूनिट्स को राज्य भर में स्थित हवाईपट्टियां और हेलीपैड का उपयोग करने की अनुमति देगा।
पठानिया ने कहा कि फिल्म फैसिलिटेशन यूनिट फिल्मों की शूटिंग से संबंधित हर अनुमति देने के लिए, वह भी एक निश्चित समय-सीमा में, सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में काम करेगी।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय फिल्मों के विकास की पर्याप्त गुंजाइश है।
पठानिया ने कहा, “उन फिल्म निमार्ताओं या प्रोडक्शन हाउस के लिए 50 लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ अनुदान का प्रावधान है, जो राज्य में फिल्म की कम से कम 75 प्रतिशत शूटिंग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बंद सिनेमाघरों को फिर से खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके लिए, प्रत्येक सिनेमाघर को एक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इसके लिए अधिकतम 25 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
एक या अधिक सिनेमा स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य वस्तु एवं सेवा कर पर 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति सात वर्षों के लिए प्रदान की जाएगी।
इसी तरह, नए सिनेमाघरों को राज्य वस्तु एवं सेवा कर पर पांच साल के लिए 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
स्थानीय प्रतिभाओं को निखारने के लिए, उन छात्रों के लिए 75,000 रुपये के एकमुश्त अनुदान का प्रावधान है जो देश के प्रतिष्ठित संस्थान में परफॉर्मिग आर्ट्स पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं।