आर्थिक मंदी के लिए मोदी सरकार की अनुभवहीनता, गलत नीतियां जिम्मेदार : कमलनाथ

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भोपाल, 20 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देश में छाई आर्थिक मंदी के लिए केंद्र की मोदी सरकार की अनुभवहीनता और उसकी गलत आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने राज्य के किसानों का 50 हजार रुपये के बाद दो लाख रुपये तक का चालू खाते का कर्ज माफ किए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की भी बात कही। देश में बने आर्थिक मंदी के हालात को लेकर कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्षों और पीसीसी प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को यहां मानसभवन में आयोजित चिंतन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “देश आज भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है और हमारे देश में होने वाले सभी निवेश बंद हो गए हैं। जीडीपी सबसे निचले स्तर पर है। यह सब केन्द्र की मोदी सरकार की अनुभवहीनता और गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने नौ माह में हर मोर्चे पर गंभीर चुनौती और खाली खजाने के बीच परिणाम देने वाले काम किए हैं। कांग्रेस की राज्य सरकार ने जो काम नौ माह में किए, वह काम पंद्रह साल की भाजपा सरकार ने नहीं किए। हमारी ऐतिहासिक ऋण माफी योजना में अब हम 50 हजार रुपये के बाद चालू खाते के दो लाख रुपये तक के ऋण माफ करने जा रहे हैं।”


मुख्यमंत्री ने बताया, “उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र की भाजपा सरकारों ने भी कर्जमाफी की घोषणा की थी, लेकिन उत्तरप्रदेश में आज तक यह प्रक्रिया चल रही है और महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक आ गए हैं, मगर अभी तक किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए। आप सभी को यह तथ्य मालूम होना चाहिए, ताकि आप लोगों को असलियत बता सकें।”

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और मध्यप्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा, “पार्टी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती को भी मनाने का निर्णय लिया और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान चलाने का तय किया गया है। इसके आधार पर मध्यप्रदेश में सभी कांग्रेसजन हर गांव, ग्राम पंचायत, जिलों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित करेंगे।”

इस चिंतन कार्यक्रम के दौरान कई कांग्रेस नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की। साथ ही वरिष्ठ नेताओं के रवैए पर रोश जताया। इस पर बावरिया ने भरोसा दिलाया कि सब की बात सुनी जाएगी, मगर सभी को अनुशासन का पालन करना होगा।


 

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