आतंकी संगठन ने पुलवामा के निवासियों को दी धमकी, जांच एजेंसियां अलर्ट

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सुमित कुमार सिंह

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जम्मू-कश्मीर के निवासियों को सुरक्षा बलों का साथ देने और उनका पक्ष लेने पर धमकी देना शुरू कर दिया है। इसके बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा प्रतिष्ठानों को सतर्क कर दिया है।


टीआरएफ, जो पाकिस्तान में एक नवनिर्मित आतंकवादी संगठन है, उसने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासियों के नाम जारी किए हैं और उन्हें देशद्रोही करार दिया है। इन लोगों से भारत का पक्ष नहीं लेने की चेतावनी दी गई है। इसके बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने टीआरएफ की सूची के बारे में सुरक्षा प्रतिष्ठानों को सतर्क कर दिया है।

14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने पुलवामा में एक आतंकवादी हमले को अंजाम दिया, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने इसके 12 दिनों के बाद पाकिस्तान के अंदर जैश के आतंकी शिविरों पर हमला बोल दिया। इसके बाद 27 फरवरी को दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच एक हवाई लड़ाई भी हुई।

इस साल सितंबर में टीआरएफ से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट से 39 लोगों की हिट सूची जारी की है, जिसमें ज्यादातर घाटी आधारित पत्रकार, राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जिन पर आतंकवादी समूह ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखने का आरोप लगाया है।


सूची में नामित 39 लोगों को ए प्लस, ए, बी और सी के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण इस आधार पर किया गया है कि किस व्यक्ति ने जम्मू-कश्मीर पुलिस या सुरक्षाबलों को आतंकी गतिविधियों पर लगाम कसने में कितनी मदद पहुंचाई। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने हिट लिस्ट के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की जांच जारी है।

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पहले कहा था कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर एक नया आतंकी मोर्चा शुरू किया है, जिसे द रेसिस्टेंस फ्रंट नाम दिया गया है।

नियंत्रण रेखा के पार इसके लिंक पर कई रिपोर्टें सामने आई हैं। कई रिपोर्ट्स में पुष्टि की गई है कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा समर्थित और पोषित है।

कश्मीर में एक शीर्ष आतंकवाद-रोधी अधिकारी ने कहा, टीआरएफ पाकिस्तान द्वारा वित्तपोषित और समर्थित है।

अधिकारी ने कहा कि यह समूह ऐसे कई प्रयासों का एक हिस्सा है, जिसे पिछले दो दशकों में दोहराया गया है।

इस संगठन की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो पर मौजूदगी है और यह भारत, खासकर जम्मू एवं कश्मीर में अशांति फैलाना चाहता है।

–आईएएनएस

एकेके/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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