नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। अधिकांश भारतीयों को अपने खर्चो का प्रबंधन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आईएएनएस-सी वोटर सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
सर्वेक्षण में लगभग 65.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वर्तमान खर्चो को प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है, जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खर्च तो बढ़ गए हैं, लेकिन वे प्रबंधन योग्य हैं।
उत्तरदाताओं में से 2.1 प्रतिशत ने कहा कि पिछले एक साल में उनके खर्च में कमी आई है और अन्य 2.1 प्रतिशत मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सके।
सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि व्यवसायों और लोगों की कमाई पर महामारी के व्यापक प्रभाव के साथ, पिछले एक साल में अधिकांश भारतीयों की क्रय शक्ति कमजोर हो गई।
आम आदमी की कमाई पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ लोगों पर भी इसका असर पड़ा है।
2020 में अधिकतर समय, खाद्य सामग्री और ईंधन की कीमतों में वृद्धि की वजह से मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी रही।
मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के वजह से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी महामारी के प्रारंभिक चरण के दौरान तेज कटौती के बाद उधार दरों को बरकरार रखा।
सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक लोगों ने वस्तुओं के बढ़े हुए मूल्य के प्रतिकूल प्रभाव को महसूस किया।
–आईएएनएस
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