अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम में तेजी, भारत से निर्यात मांग बढ़ी (लीड-1)

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नई दिल्ली13 जनवरी (आईएएनएस)| वैश्विक स्तर पर खपत के मुकाबले चीनी की आपूर्ति इस साल कम होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम में जबरदस्त तेजी आई है, जिससे भारत को अपने आधिक्य भंडार को विदेशी बाजारों में खपाने में मदद मिली है। पिछले साल एक अक्टूबर से लेकर अब तक भारतीय मिलों ने 28 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे कर लिए हैं।

उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) का अनुमान है कि चालू चीनी सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय चीनी निर्यात कोटा 60 लाख टन का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।


एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस को बताया कि एमएईक्यू के तहत तय चीनी निर्यात कोटा 60 लाख का लक्ष्य हासिल करने के मद्देनजर सरकार ने मिलों से चालू सीजन में 31 दिसंबर, 2019 तक किए गए चीनी निर्यात की जानकारी मांगी है।

उन्होंने बताया कि “सरकार ने 31 दिसंबर तक किन चीनी मिलों ने कितना चीनी निर्यात किया है, इसका ब्योरा मांगा है। सरकार ने 530 चीनी मिलों के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय किया। इनमें कुछ मिलों ने कुछ भी निर्यात नहीं किया है या वे निर्यात नहीं करना चाहते हैं। इनमें कुछ ऐसी मिले हैं, जो बंद हो चुकी हैं। ऐसे में उनका कोटा लेकर उन मिलों को दिया जा सकता है, जो निर्यात करना चाहती हैं।”

केंद्र सरकार ने चालू सीजन 2019-20 में अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) के तहत घरेलू चीनी मिलों के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय किया है। पिछले साल 2018-19 में सरकार ने न्यूनतम सांकेतिक निर्यात कोटा (एमआईईक्यू) के तहत 50 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा निर्धारित किया था, जिसमें से 38 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था।


नाइकनवरे ने कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हुए चालू शुगर सीजन यानी चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2019-20 (अक्टूबर) के अभी चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन 28 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हो चुके हैं और वैश्विक स्तर पर चीनी की आपूर्ति मांग के मुकाबले कम होने से आगे कीमतों में तेजी बनी रहेगी, जिससे घरेलू मिलों को चीनी निर्यात से फायदा मिलेगा।

उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर दो साल में पहली बार कुल उत्पादन अनुमानित मांग के मुकाबले 60-70 लाख टन कम है। नाइकनवरे ने बताया, “वैश्विक स्तर चीनी का उत्पादन इस 1,700 लाख टन है जबकि खपत मांग 1,765 लाख टन होने का अनुमान है। इस साल भारत, आस्ट्रेलिया, थाईलैंड, चीन और पाकिस्तान इन पांचों देशों में चीनी का उत्पादन कम है। लेकिन मौजूदा तेजी की इससे भी बड़ी वजह वैश्विक बाजार में फंड मैनेजर का खेल है।”

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्ची चीनी के दाम में बीते तकरीबन तीन महीनों में 18 फीसदी की तेजी आई और सफेद चीनी के दाम में नौ फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है, जिससे भारतीय चीनी मिलों को निर्यात में फायदा मिलने लगा है।

यूएस शुगर-11 का भाव सोमवार को 14 सेंट प्रति पाउंड से ऊपर था और लंदन शुगर का भाव भी बीते सत्र में 376.80 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ था।

नाइकनवरे ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के मौजूदा भाव के अनुसार, भारत में चीनी मिलों को सफेद चीनी का एक्स मिल भाव तकरीबन 2,300 रुपये प्रति कुंटल, जबकि कच्ची चीनी का भाव करीब 2,100 रुपये प्रति कुंटल मिल रहा है। इसके बाद सरकार द्वारा एमएईक्यू स्कीम के तहत दिया जा रहा 1045 रुपये प्रति कुंटल का प्रोत्साहन जोड़ दिया जाए तो सफेद चीनी का भाव 34,00 रुपये प्रति कुंटल से ज्यादा हो रहा है, जोकि मौजूदा घरेलू भाव से अधिक है।

उन्होंने बताया कि इस साल 30 सितंबर तक 60 लाख टन चीनी का निर्यात होने के बाद क्लोजिंग स्टॉक 100 लाख टन से नीचे आ जाएगा।

एनएफसीएसएफ के अनुमान के अनुसार, चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 263 लाख टन है, जबकि पिछले साल का बकाया स्टॉक 145 लाख टन है। इस प्रकार कुल आपूर्ति 408 लाख टन है। इसमें से 60 लाख टन निर्यात और करीब 260 लाख टन घरेलू खपत निकालने के बाद बकाया स्टॉक 88 लाख टन बचेगा। इसमें से 40 लाख टन का बफर स्टॉक रहेगा।

दिल्ली के चीनी कारोबारी सुशील कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पुरानी चीनी का एक्स मिल रेट इस समय 3,280-3,300 रुपये प्रति कुंटल है, जबकि नई चीनी का एक्स-मिल रेट 3,250-3,290 रुपये प्रति कुंटल है। उन्होंने बताया कि इस महीने चीनी के दाम में करीब 80-100 रुपये प्रति कुंटल की तेजी आई है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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