लखनऊ, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| अयोध्या में राम जन्मभूमि मामले पर निर्णय सुप्रीम कोर्ट से आने वाला है। इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) काफी संजीदा दिख रहा है।
न्यायालय के फैसले पर किसी प्रकार का कोई माहौल न खराब हो, इसके लिए पहले से तैयारी की जा रही है। कई प्रकार की बैठकें चल रही हैं, जिसमें संघ के सारे पदाधिकारियों को बुलाया गया है। स्ांघ सूत्रों ने बताया कि मेरठ, आगरा, काशी में वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला प्रचारकों की बैठकें चल रही हैं। इसमें संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों के अलावा भाजपा के लोग भी हिस्सा ले रहे हैं।
दिल्ली में संघ की उच्चस्तरीय बैठक में बनी योजना के अनुसार अयोध्या को लेकर संघ परिवार के प्रांतीय पदाधिकारियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। जिलों के प्रमुख लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे संघ से जुड़े सभी संगठनों की बैठक करके कार्यकर्ताओं से अयोध्या पर संयम और धैर्य रखने का आग्रह करें।
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि केन्द्र और प्रदेश में हमारी सरकार है। इस लिहाज से हमारी जिम्मेदारी अधिक बनती है। अगर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना होती है तो इसमें संगठन के साथ सरकार की भी बदनामी होगी। हो सकता है इस दौरान कई लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश भी करें, उनसे सावधान रहना है। इसके लिए गली, मोहल्ला में जाकर लोगों को समझाएं कि किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है। फिर चाहे फैसला मंदिर के पक्ष में हो या न हो।”
उन्होंने बताया कि “फैसले के बाद जुलूस, आतिशबाजी या मिष्ठान वितरण जैसे आयोजन नहीं करने हैं। ऐसे किसी आयोजन का लाभ माहौल बिगाड़ने वाले भी ले सकते हैं। इसलिए हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना है।”
संघ ने सभी संगठनों के स्थानीय पदाधिकारियों के जरिए नीचे तक यह समझाने की योजना बनाई है कि वे हर परिस्थिति में संगठन के अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में धैर्य और संयम रखें तथा संगठन पर भरोसा रखते हुए आगे के निर्देशों व निर्णय का इंतजार करें।