भारत-बांग्लादेश रेल परियोजना की कछुआ चाल

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 अगरतला, 25 अगस्त (आईएएनएस)| भारत और बांग्लादेश के बीच 12.23 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाने का कार्य दोनों देशों में कछुए की चाल से चल रहा है।

 972 करोड़ रुपये की परियोजना को लगभग एक दशक पहले स्वीकृति शुरू किया गया था।


इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को पूरा करने की समय-सीमा को संशोधित कर अब अगले साल सितंबर कर दिया गया है।

अगरतला (भारत) और अखौरा (बांग्लादेश) रेलवे लाइन से दोनों देशों से इधर से उधर सामान की ढुलाई की जा सकेगी और इससे भारत के चारों तरफ से जमीन से घिरे पूर्वोत्तर के राज्यों को बहुत लाभ होगा। इससे अगरतला और कोलकाता के बीच 1,613 किलोमीटर की दूरी बांग्लादेश से होते हुए तीन गुना कम होकर मात्र 514 किलोमीटर रह जाएगी।

सरकारी इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड (इरकॉन) ने रेल मंत्रालय के अंतर्गत इस परियोजना को क्रियान्वित किया था, जिसका पूरा खर्चा दोनों तरफ से डीओएनईआर (उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास) मंत्रालय और विदेश मंत्रालय वहन करेंगे।


इरकॉन के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “अगरतला-अखौरा परियोजना पर कार्य जारी है। वर्तमान मानसून के बाद, काम को आगे बढ़ाया जाएगा। परियोजना को पूरा करने की समय सीमा संशोधित कतर सितंबर 2020 कर दी गई है।”

नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि मौजूदा अगरतला स्टेशन से जोड़ने वाले 12.23 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का 5.46 किलोमीटर भाग भारत में पड़ेगा (अगरतला का बाहरी इलाका) और 6.57 किलोमीटर हिस्सा बांग्लादेश में पड़ेगा।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देब ने हाल ही में इरकॉन अधिकारियों और निदेशक (कार्य) जोगेश मिश्रा की अगुआई में इंजीनियरों तथा अगरतला-अखौरा रेल परियोजना के प्रमुख रमन सिंगला (सहायक महानिदेशक) के साथ बैठक की और उन्हें जल्द से जल्द परियोजना पूरी करने का निर्देश दिया।

इरकॉन के अधिकारी ने कहा कि भारत के हिस्से में बनने वाले रेलवे ट्रैक का 3.1 किलोमीटर का हिस्सा 26 एकड़ खेतों और बस्तियों को बनाए रखने के लिए ऊपर से निकाला जाएगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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