‘भारत दिवस’ में मातृत्व व बाल स्वास्थ्य मुद्दे के नवाचारी प्रयासों पर चर्चा

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नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में यहां सोमवार को पार्टनर्स फोरम 2018 में ‘भारत दिवस’ मनाया गया जिसमें महिलाओं, बच्चों और किशारों के स्वास्थ्य से जुड़े नवाचारी प्रयासों पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन ने सोमवार को यहां मंत्रालय और पार्टनर्स फोरम 2018 के विकास भागीदारों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘भारत दिवस’ का उद्घाटन किया और कहा कि लचीलापन, प्रजनन, मातृत्व, नवजात शिशु, बच्चा और किशोरावस्था (आरएमएनसीएचए) कार्यक्रम हमारी पहल का केंद्र बिंदु है।

प्रीति सूदन ने कहा, “राज्यों ने आरएमएनसीएचए के तहत अनेक नवाचारी प्रयासों की शुरुआत की है, जो हमारी स्वास्थ्य और भलाई में भागीदार बनने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं।”


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव और मिशन निदेशक मनोज झालानी ने आरएमएनसीएचए के विभिन्न पहलुओं पर जोर देते हुए कहा, ” हमारा ध्यान बच्चों, किशोरों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं पर केन्द्रित है, जिन्हें हम ‘पोषण अभियान’ और ‘अनीमिया मुक्त भारत’ जैसी अनेक पहलों के माध्यम से मजबूत करना चाहते हैं।”

आरएमएनसीएचए कार्यक्रम महिलाओं बच्चों और किशारों के स्वास्थ्य के लिए वैश्विक नीति के साथ जुड़ा है और इसके प्रमुख कार्यक्रम सिद्धांत, रोकने योग्य मौतों को समाप्त करने, स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने और वातावरण को सक्षम बनाने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्यों से युक्त है।

सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, जब से आरएमएनसीएचए की शुरुआत हुई है तब से भारत में मातृत्व, शिशु, बच्चे और किशारों के स्वास्थ्य लाभ में जबरदस्त प्रगति हुई है। भारत में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), जो 1990 में 556 थी वह 2014-16 में घटकर 130 हो गई है।


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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