बिहार बंद का मिलाजुला असर, झारखंड में विरोध मार्च (राउंडअप)

  • Follow Newsd Hindi On  

 पटना/रांची, 19 दिसंबर (आईएएनएस)| नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीसीए) के खिलाफ गुरुवार को वामदलों के आह्वान पर एकदिवसीय बिहार बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला।

  इस दौरान आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया। उधर झारखंड की राजधानी रांची में विरोध मार्च निकाला गया और कुल मिलाकर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। झारखंड में आखिरी चरण का मतदान शुक्रवार को है और ऐसे में नेताओं की व्यस्तता की वजह से विरोध-प्रदर्शन सामान्य रहा। ‘बिहार बंद’ के दौरान राज्य के कई जिलों में इसका व्यापक असर देखा गया, जबकि जगह-जगह लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह ट्रेनें रोक दी गईं, जबकि कई स्थानों पर सड़कें जाम की गईं। कई इलाकों में बंद समर्थकों द्वारा उत्पात भी मचाया गया। बंद को जन अधिकार पार्टी के अलावा महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी और हम ने समर्थन दिया है। राजद ने बंद से खुद को अलग रखा है।


सीएए के विरोध में वामदलों के बिहार बंद को लेकर सुबह बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गई। राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल समेत दरभंगा के लहेरियासराय, सहरसा, खगड़िया, आरा में ट्रेनें रोकी गई। राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जन अधिकार पार्टी व अन्य सहयोगी दलों के सदस्य सुबह पहुंचे और उन्होंने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। इस दौरान वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी को हिरासत में ले लिया गया।

आरा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया, जिससे पटना-आरा मार्ग पर आवगमन ठप हो गया। इसके अलावा पटना, भागलपुर, पूर्णिया सहित कई इलाकों में लोग सड़कों पर उतरे। पटना में बंद समर्थकों ने एक एंबुलेंस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया तथा उसमें आग लगाने की कोशिश की गई।

हाजीपुर, पूर्णिया में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और कई क्षेत्रों में सड़कें जाम की। इस बीच बंद के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कैमूर, मधेपुरा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, रोहतास में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और उन्होंने सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया।


सहरसा में सुबह खुल रही सहरसा-समस्तीपुर ट्रेन को बंद समर्थकों ने आधा घंटे से अधिक समय तक रोके रखा। दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने कमला-गंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक लिया। हाजीपुर में भी ट्रेन रोकी गई।

बिहार बंद के दौरान बंद समर्थकों द्वारा जमकर बवाल काटा गया और उत्पात मचाया गया। बंद समर्थकों ने पटना तथा आरा में कई इलाकों में जाकर न केवल दुकानों को जबरन बंद कराया, बल्कि कई वाहनों को भी अपना निशाना बनाया है। पटना में कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए हैं। खगड़िया में दुकानदारों और बंद समर्थकों के बीच झड़प हुई तो उग्र प्रदर्शनकारियों को पूर्णिया में रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

बंद को देखते हुए पटना सहित कई जिलों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए गए थे। अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि छिटपुट घटनाओं को छोड़कर बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। कई क्षेत्रों में सड़कें और रेल यातायात बाधित की गई। उन्होंने कहा कि कई जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराई गई गई थी और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया था।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंर्पक अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि विभिन्न संगठनों द्वारा बिहार बंद के मद्देनजर कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पूर्व मध्य रेल में ट्रेनों का परिचालन लगभग सामान्य रहा।

पटना की सड़कों पर सीपीआई नेता और पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया भी उतरे और केंद्र सरकार पर जमकर निशना साधा। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव बेड़ियां पहने सड़क पर उतरे और आजादी की मांग की।

उधर, झारखंड की राजधानी रांची के अलबर्ट एक्का चौक पर विरोध मार्च निकाला गया। मार्च में शामिल लोग सीएए का विरोध करते दिखे। प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि इस कानून को जल्द से जल्द वापस किया जाना चाहिए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में नारे लगाए।

झारखंड में अंतिम चरण का मतदान शुक्रवार को है, इस कारण नेताओं की व्यस्तता विरोध प्रदर्शन की जगह चुनावी रणनीति बनाने में लगी रही। झारखंड चुनाव का परिणाम 23 दिसंबर को आएगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)