पटना, 25 फरवरी (आईएएनएस)| बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया।
बजट में अनुमानित दो लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपये से अधिक राशि रखी गई है, जिसमें शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विशेष जोर दिया गया है। वित्तमंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत में एक शेर पढ़ते हुए कहा, “हर बार चुनौतियों को हराते हैं हम, जख्म कितना भी गहरा हो मुस्कुराते हैं हम।” उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का प्रावधान बजट में किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष बजट में योजनाओं में जहां 1,05,766 करोड़ रुपये के खर्च करने का अनुमान है, वहीं 1,05,955 करोड़ रुपये स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय में खर्च होने का अनुमान है।
सुशील मोदी द्वारा पेश बजट में शिक्षा के लिए 35 हजार 191 करोड़, सड़कों के लिए 17 हजार 435 करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 15 हजार 955 करोड़ की अनुमानित राशि रखी गई है।
बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि बिहार ग्रीन बजट पेश करने वाला देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि बिहार की सफलता दूसरे राज्यों के लिए नजीर है।
उन्होंने कहा कि कृषि विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाने हेतु शुरू की गई ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था के तहत अब तक 1़13 करोड़ किसान पंजीकृत हो चुके हैं तथा विभिन्न योजनाओं की राशि उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जा रही है।
मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-2024 तक पांच वर्षो के लिए कुल 6,065़50 रुपये की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में आठ जिलों गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया एवं मधुबनी के 40 गांवों में सीधे कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में 1,442 एकड़ में प्रत्यक्षण लगाए गए हैं तथा वर्ष 2020-21 में इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा, “हर घर नल का जल और पक्की नाली व गली पर विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य के सभी घरों तक पाइप से पानी पहुंचेगा। योजना व्यय में वृद्धि हुई है। सरकार सबसे ज्यादा शिक्षा पर खर्च करेगी। हमारा लक्ष्य है अंधकार से उजाले की ओर, नदियों पर पुलों का जाल बिछाया गया है।”