बजट को सरकार ने सराहा तो विपक्ष ने बताया निराशाजनक

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लखनऊ, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को साढ़े पांच लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया। जहां इस बजट को मुख्यमंत्री योगी ने मील का पत्थर बताया है। वहीं बसपा और सपा ने इसे निराशाजनक बजट बताया है।

यूपी सरकार के बजट पर बसपा की अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुये ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज पेश भाजपा सरकार का बजट भी केंद्र सरकार के बजट की तरह ही हैं। यह बजट प्रदेश में खासकर बेरोजगारी की क्रूरता दूर करने के लिए रोजगार आदि के मामले में अति-निराश करने वाला है। केंद्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश के बजट में भी जनता को वायदे के साथ हसीन सपने दिखाने का प्रयास किया गया है।


उन्होंने कहा कि, यूपी की लगभग 23 करोड़ जनता के विकास की लालसा की तृप्ति के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड केंद्र व यूपी में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी वायदे के अनुसार संतोषजनक नहीं रहा। खासकर गरीबों, कमजोर वर्गों व किसानों की समस्याओं के मामले में भी उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट भी अति-निराशाजनक है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के बजट पर कहा कि यह तो सभी वर्ग को धोखा देने के साथ ही पूंजीपतियों को लाभ देने वाला बजट है।

अखिलेश यादव ने कहा कि, बजट में भी किसानों के साथ धोखा हुआ है। सरकार ने एक बार फिर से किसानों को धोखा दिया। यह सरकार तो सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। सरकार तो किसानों को फसल की एमएसपी नहीं दे पाई। आज भी किसान के सामने संकट है और किसान परेशान हैं। देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी तो साफ नहीं हुई बजट साफ हो गया। अखिलेश यादव ने कहा कि, भाजपा सरकार में हर वर्ग परेशान है। भाजपा ने हमेशा देश में नफरत फैलाने का काम किया है। बजट में झूठ बोला जा रहा है। किसानों, युवाओं के लिए कुछ नहीं किया। सरकार बस उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लिए ही यह काम कर रही है। प्रदेश सरकार का अंतिम बजट आज पूरा हो गया है। यह पांचवां बजट था। अब उनके पास करने को कुछ नहीं है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इससे पहले के भी चार बजट में कोई विकास कार्य नहीं दिखा है। इसमें पेट्रोलियम कीमतों को लेकर रोडमैप नहीं है। चौधरी ने कहा कि यह बजट पेपरलेस के साथ रोजगार लेस है। इसमें यह तो बताया नहीं गया कि किसानों का कितना बकाया है। अगर अधिक बकाया है तो फिर उसको कैसे दिया जाएगा। यह तो धोखा देने वाला बजट है। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इस बार पेपरलेस व्यवस्था में बहुत परेशानी हुई।

–आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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