बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के आवंटन का उद्योग जगत ने स्वागत किया

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नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)| सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन के लिए 6,400 करोड़ रुपये आवंटित किया है। इस योजना को ‘आयुष्मान भारत’ के नाम से जाना जाता है। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लोकसभा में बजट पेश करते कहा, “आयुष्मान भारत योजना के शुरू होने के बाद से इसके तहत नि:शुल्क उपचार की सुविधा से करीब 10 लाख लोगों को लाभ हुआ है और उनको इलाज खर्च में 3000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। देश में 21 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए गए हैं या काम कर रहे हैं, जिनमें से 14 संस्थानों को 2014 के बाद मंजूरी दी गई है।”

एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरिंदम हल्दर ने कहा, “वित्तमंत्री ने बेहद प्रत्याशित अंतरिम बजट प्रस्तुत किया है, क्योंकि चुनाव आनेवाले हैं। हालांकि हमें स्वास्थ्य सेवा और डायग्नॉस्टिक्स सेक्टर के लिए कुछ ज्यादा उम्मीदें थीं। क्योंकि पिछला साल भारत के निजी स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। बढ़ती प्रतियोगिता के चलते कारोबार की लागत बढ़ी और कुल मिलाकर सेक्टर निवेश के लिए कम आकर्षक हो गया है।”


उन्होंने आगे कहा, “हम मध्यम आयवर्ग के लिए दी गई प्रस्तावनाओं का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि लोग स्वास्थ्य सेवाओं एवं निवारक देखभाल पर ज्यादा खर्च करेंगे। इसके अलावा बजट में आयुष्मान भारत के लिए किए गए आवंटन सराहनीय हैं। अगले कुछ सालों में देश के सभी लोगों के लिए सार्वभौमिक चिकित्सा सेवाओं का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार को निजी स्वास्थ्यसेवा एवं नैदानिक सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारियों पर ध्यान देना होगा।”

जे.पी. हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज लुथरा ने कहा, “आज के बजट में दिए गए प्रस्ताव सराहनीय हैं। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर ध्यान देने से भारतीयों के जीवन जीने और काम करने के तरीके में बदलाव आएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना-आयुष्मान भारत, सभी को गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री जी के ²ष्टिकोण को पूरा करने में कारगर साबित हो रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “जरूरी दवाओं, कार्डियक स्टेंट एवं नी इम्प्लान्ट की कीमतों में कमी के चलते बड़ी संख्या में गरीब एवं मध्यमवर्गीय लोगों को फायदा हुआ है। मल्टी-स्पेशलटी अस्पतालों जैसे एम्स एवं अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केन्द्रों के उद्घाटन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के सरकार के प्रयास सराहनीय हैं।”


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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