बोर्ड सही समय पर आईपीएल टीमों से वर्कलोड मैनेजमेंट पर बात करेगा : राय

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 नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अक्टूबर-2018 में वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान वनडे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट की बात कही थी।

 यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा क्रिकेट बोर्ड के कामकाज की निगरानी के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) और टीम प्रबंधन के बीच हैदराबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर 2018 में हुए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान हुई बैठक में उठा था। उस समय हालांकि इस मामले पर कोई साफ राय नहीं बनी थी।


इसे लेकर न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी के बीच भी असमंजस की स्थिति बन गई थी जिन्होंने कहा था कि बीसीसीआई ने उनसे इस तरह की कोई बात नहीं की है।

लेकिन, सीओए प्रमुख विनोद राय ने सोमवार को आईएएनएस से बातचीत में इस असमंजस को साफ किया।

उन्होंने कहा, “बीसीसीआई (एक टीम के तौर पर) इस मुद्दे को देख रहा है और फ्रेंचाइजी से सही समय पर इसे लेकर बात होगी। हमारी टीम है, जो इस पर निगाह रखे हुए है।”


भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में कहा था कि वह ऐसी कोई वजह नहीं पाते कि खिलाड़ियों को आईपीएल में नहीं खेलकर आराम दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा था, “चार ओवर गेंदबाजी करने से आप थकेंगे नहीं। चार ओवर आप को अपना सर्वश्रेष्ठ देने में मदद करेंगे। आप यॉर्कर डालेंगे, वैरिएशन का इस्तेमाल करेंगे और दबाव में खेलेंगे। मुझे लगता है कि गेंदबाज पूरा आईपीएल खेल सकते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि वे क्या खाते हैं, कब सोते हैं और कब उठते हैं।”

धोनी ने कहा था, “जब स्किल फैक्टर की बात आती है तो मैं उन्हें उनकी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में देखना चाहता हूं। मुझे हमेशा से लगता है कि आईपीएल शेप में आने का सही मंच है क्योंकि हमारे पास काफी समय होता है। मैं हर तीसरे दिन सिर्फ साढ़े तीन घंटे खेलता हूं और इससे मुझे जिम में समय बिताने के लिए काफी समय मिलता है।”

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस मुद्दे पर साफ नीति की जरूरत है। उन्होंने कहा, “एक खिलाड़ी को पांच-सात करोड़ रुपये मिलते हैं। वे आपके मुख्य खिलाड़ी होते हैं और अपना वर्कलोड जानते हैं। क्या यह उनका कर्तव्य नहीं है कि वे खुद इसकी जिम्मेदारी लें और फैसला करें कि क्लब पहले आता है या देश। अगर ज्यादा काम (वर्कलोड) की बात सही है और अगर काम ज्यादा है तो क्या उन्हें देश को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए?”

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने हाल ही में आईपीएल के दूसरे हाफ में वर्कलोड मैनेजमेंट की बात करते हुए कहा था, “यह हमारे दिमाग में है। यह आईपीएल के पहले हाफ का खेल होने के बाद आता है। छह-सात मैचों के बाद हमें पता चलता है कि हम आने वाले मैचों में किस तरह से जाएंगे। हमें विश्व कप के लिए भी फिट रहने की जरूरत है। यहां किसी भी चीज की गांरटी नहीं है। हां, यह चीज दिमाग में है। अगर मुझे लगता है कि मैं थका हुआ हूं तो फिर मैं आराम करना चाहूंगा। जाहिर बात है कि यह फ्रेंचाइजी पर निर्भर करता है।”

कुमार ने कहा, “मैं आश्वस्त हूं कि वे हर खिलाड़ी का इस मामले में साथ देंगे क्योंकि विश्व कप काफी अहम है और बीसीसीआई भी उनसे बात कर सकता है।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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