बरेली में उन्मत्त हाथी को हथिनियों से अलग रखना पड़ा

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 बरेली (उप्र), 16 जुलाई (आईएएनएस)| गजराज नामक एक हाथी यहां उन्मत्त हो गया। बहुत मशक्कत के बाद उसे शांत कराया गया।

  उसे हथिनियों से अलग रखना पड़ा। दुधवा टाइगर रिजर्व से तीन हथिनियों सहित दो जंगली हाथियों के बचाव अभियान में गजराज नामक हाथी को बरेली लाया गया था।


गजराज अचानक उन्मत्त होकर आक्रामकता दिखाने लगा। नौबत यह हो गई कि उसका महावत भी उसे काबू नहीं कर सका।

हाथी के ऐसा करने की वजह ‘मस्त’ अवस्था बताई जा रही है। यह नर हाथियों में एक आवधिक स्थिति है, जिसमें प्रजनन हार्मोन ज्यादा बढ़ जाने पर उसका अत्यधिक आक्रामक व्यवहार देखने को मिलता है।

यह पहली बार देखने को मिला, जब एक पालतू हाथी को शांत कराने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ी।


गजराज को बरेली के मीरगंज उपमंडल के अंतर्गत परचेई गांव में रखा गया था।

वन अधिकारी इस बात से डरे हुए थे कि इसके कारण बुधवार को गांव के रास्ते से गुजरने वाले ‘कांवड़ियों’ के साथ कोई संभावित अनहोनी की घटना न हो, जिसके बाद सोमवार देर रात वन विभाग की टीम ने गजराज को शांत कराया और उसे बरेली शहर से 14 किलोमीटर दूर वीरान रबर फैक्ट्री में स्थानांतरित कर दिया।

झांसी के मुख्य वन संरक्षक और हाथियों के बचाव अभियान के प्रभारी पी.पी. सिंह ने कहा, “20 साल के गजराज ने कुछ दिनों पहले दो जंगली हाथियों का सामना किया था, वह उन्हें अपना प्रतिद्वंद्वी मान बैठा होगा और तनाव में आ गया होगा।”

उन्होंने कहा, “गजराज शनिवार से आक्रमक हो रहा है, उसने खाना लेना कम कर दिया है और वह अपने महावत के आदेशों का पालन भी नहीं कर रहा है।”

गजराज की आक्रमक्ता को कम करने के लिए उसे जड़ी-बूटी की दवाई दी गई है।

बाद में वन अधिकारियों ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) से अनुमति मांग कर गजराज को शांत किया।

सिंह ने कहा, “हमने गजराज को बेहोश किया और उसे हाइड्रोलिक वाहन की मदद से उठाकर दूसरे वाहन पर चढ़ाकर भेज दिया। उसे वीरान क्षेत्र, रबर फैक्ट्री में रखा गया है।”

उन्होंने कहा, “गजराज को वहां देखरेख में कुछ दिन और रखा जाएगा।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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