बुंदेलखंड : किसानों के लिए नई दैवीय आपदा बन गए हैं रेत माफिया!

  • Follow Newsd Hindi On  

बांदा, 24 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के बांदा जिले में रेत (बालू) माफिया किसानों के लिए दैवीय आपदा से कम नहीं हैं। समझौता न करने पर प्रकृति की मार से बची-खुची फसल बालू भरे ट्रकों से रौंद रहे हैं। ताजा मामला नरैनी कोतवाली क्षेत्र के बरसड़ा-मानपुर गांव का है, जहां कई किसानों की खड़ी अरहर की फसल रौंदकर अवैध रेत खनन माफियाओं ने रास्ता बना लिया है। लेकिन प्रशासन ऐसे आरोपों से इनकार कर रहा है।

बुंदेलखंड में ‘कर्ज’ और ‘मर्ज’ से जूझ रहे किसानों के लिए रेत (बालू) माफिया अब नई दैवीय आपदा बनते जा रहे हैं। आवारा मवेशियों, ओलावृष्टि और अन्य दैवीय आपदाओं की मार से बची-खुची खेत में खड़ी फसल को जबरन ट्रकों से रौंदकर नष्ट किया जा रहा है। लेकिन जहां पुलिस आदतन माफियाओं की खुली पैरवी कर किसानों पर समझौते का दबाव बना रही है, वहीं नरैनी की उपजिलाधिकारी को इस ‘अवैध खनन की जानकारी ही नहीं’ है।


पिछले दो दिनों में बरसड़ा की कथित बालू खदान से बालू भरे ट्रकों को निकालने के लिए मानपुर गांव की महिला किसान चंदी, कामता, प्यारे, पैसुनी, श्याम, किरपाल, रामानन्द, रामधनी और दीनबंधु के खेतों की 10 बीघे की अरहर की फसल नष्ट कर 20 फुट चौड़ा रास्ता बना दिया गया है। जब इन किसानों को फसल नष्ट होने की सूचना मिली तो सभी ने गड्ढा खोदकर और मेड़ बनाकर ट्रकों का रास्ता रोक दिया। इससे नाराज रेत माफियाओं ने खेत खड़ी किसानों की मड़ैया (मचान) को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया।

मानपुर गांव के किसान पैसुनी ने शुक्रवार को बताया, “फसल नष्ट कर जबरन रास्ता बनाने की शिकायत करतल चौकी प्रभारी से की गई तो उन्होंने रेत माफियाओं से समझौता करने का दबाव बनाया और कहा कि राजी नहीं होंगे तो वे (रेत माफिया) जबरन ट्रक निकालेंगे।”

पैसुनी ने बताया कि “जिलाधिकारी तक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।”


खनिज अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार, बरसड़ा-मानपुर में रेत की कोई वैधानिक बालू खदान नहीं है, और अगर खनन हो रहा है तो वह अवैध है।

खनिज अधिकारी से जब अवैध खनन पर रोक लगाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसमें अकेले वह क्या कर सकते हैं।

यहां से ट्रक में बालू भरकर रायबरेली लेकर जा रहे एक ट्रक चालक ने बताया, “बालू बरसड़ा की खदान से भरी गई है और खदान वालों ने मध्य प्रदेश की रामनई खदान का रवन्ना दिया है।”

ट्रक चालक ने बताया कि बरसड़ा खदान से प्रतिदिन करीब एक हजार ट्रकों की लोडिंग होती है।

अवैध खनन के खिलाफ नरैनी तहसील परिसर में 28 जनवरी को ‘हल्ला बोल’ आयोजित करने जा रहे बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा कहते हैं कि किसानों ने उनसे बताया है कि यह खदान भाजपा के स्थानीय विधायक की है, और इसीलिए अधिकारी कुछ भी करने से कतरा रहे हैं। उन्होंने किसानों के इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की बात कही।

इस मामले में नरैनी की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) वन्दिता श्रीवास्तव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “बरसड़ा-मानपुर में अवैध बालू खनन किए जाने और किसानों की फसल नष्ट होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसा कुछ होता तो पीड़ित किसान उनसे जरूर मिलने आते। फिर भी लेखपाल को भेजकर जांच करवाई जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा कि पहले किसान बालू कारोबारियों से एग्रीमेंट करते हैं, और जब पैसा नहीं मिलता, तब झूठे आरोप लगाते हैं।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)