बुंदेलखंड क्षेत्र के 4 जिलों में कोराना के 17 मामले

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बांदा, 1 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में लॉकडाउन के पूर्ण पालन के बाद भी कोविड-19 (कोरोनावायरस) का संक्रमण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। यहां के चार जिलों में शुक्रवार तक 17 संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो चुकी है, इनमें तीन ठीक भी हुए हैं।

वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोविड-19 का कहर उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों की भांति बुंदेलखंड के बांदा, महोबा, जालौन और झांसी जिलों में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को बांदा में तीन नए संक्रमित मरीज मिलने के साथ यहां संक्रमित मरीजों की कुल संख्या सात हो गई है, इनमें से तीन ठीक भी हुए हैं। शेष चार का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।


महोबा जिले में पहली बार शुक्रवार को दो लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए। ये दोनों जिला अस्पताल के कर्मी बताए जा रहे हैं। इसी तरह जालौन जिले में गुरुवार को डायलिसिस कराने वाले मरीज के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बाद यहां कोरोना मरीजों की संख्या चार हो गई है, जबकि झांसी जिले में ओरछा गेट बाहर के पास रहने वाली महिला के संक्रमित पाए जाने के बाद उसका बेटा और जेठ भी संक्रमित पाए गए।

इनके अलावा यहां गुब्बारा बेचकर परिवार की जीविका चलाने वाले व्यक्ति की पत्नी गुरुवार को संक्रमित पाई गई। इस प्रकार झांसी जिले में भी संक्रमितों की संख्या चार हो गई है।

बुंदेलखंड के इस हिस्से में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बांदा, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर छह ऐसे जिले हैं, जिनकी सीमा मध्य प्रदेश से जुड़ी हुई है। पूर्ण लॉकडाउन होने के बाद प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला अभी थमा नहीं है। अब तक जो भी संक्रमित पाए गए हैं, उनमें बांदा के दो ठीक हुए जमातियों को अगर छोड़ दिया जाए तो तकरीबन सभी बाहरी प्रांतों से आए प्रवासी मजदूर या फिर उनके संपर्क में आने वाले व्यक्ति हैं।


हालांकि, प्रशासन संक्रमण रोकने के लिए बाहर से आने वाले लोगों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद क्वारंटीन भी कर रहा है, लेकिन तमाम मजदूर ऐसे भी हैं, जो प्रशासन की नजर बचाकर अपने घर पहुंच चुके हैं।

बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश यादव ने कहा, “जिले में कोरोना संक्रमण की शुरुआत दो जमातियों से हुई है, तीसरे और चौथे मरीज दूसरे प्रांतों से आए मजदूर हैं। शुक्रवार को जिन तीन लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, इनमें एक हैदराबाद से आया मजदूर है, जबकि संक्रमित महिला इंदौर से आई है और एक मरीज संक्रमित युवक के संपर्क में आने के बाद चपेट में आया है।”

उन्होंने कहा कि अब तक यहां कोविड-19 के सात मरीज मिल चुके हैं, जिनमें ठीक होने के बाद तीन को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है और चार मरीजों का इलाज चल रहा है।

डॉ. यादव के मुताबिक, “सबसे ज्यादा परेशानी आ रहे उन प्रवासी मजदूरों से है, जो पैदल या निजी साधनों से घर वापसी कर रहे हैं। ये मजदूर चोरी-छिपे अपने घर पहुंच रहे हैं, प्रशासन को काफी दिनों बाद इनके आने की जानकारी हो पाती है, तब तक ये कई लोगों के संपर्क में आ चुके होते हैं। प्रशासन की जानकारी में आए मजदूरों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद 14 दिन के क्वारंटीन के बाद ही घर जाने दिया जा रहा है।”

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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