छिंदवाड़ा में प्रेमी जोड़े की याद में आयोजित गोटमार मेला में चले पत्थरों से 25 घायल

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मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में प्रेमी जोड़े की याद में हर साल आयोजित किए जाने वाले गोटमार मेले में परंपरा के मुताबिक दो पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई। इस पत्थरबाजी में 25 लोगों केा चोटें आई हैं।

छिंदवाड़ा मुख्यालय से 98 किलोमीटर दूर विकासखंड पांढुर्णा में वर्षो से चली आ रही परंपरा के मुताबिक, पोला पर्व के दूसरे दिन गोटमार मेला भरता है। इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के दृष्टिगत अनुविभाग स्तरीय आपदा प्रबंधन समूह और शांति समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, मेला समिति द्वारा सांकेतिक रूप से गोटमार मेला मनाने के लिए सुबह 10 बजे तक झंडा मां चंडिका देवी के मंदिर में समर्पित कर पूजन व आरती के बाद मेला समाप्त कर जनता कर्फ्यू का निर्णय लिया गया था, मगर प्रशासन के निर्देशों को दरकिनार कर पांढुर्णा और सांवरगांव के लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर बरसाए।


छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल ने बताया है कि गोटमार में कुल 25 लोगों के घायल होने की सूचना मिली है, जिनका उपचार किया गया। दूसरी ओर, स्थानीय लोग घायलों की संख्या इससे कहीं ज्यादा बता रहे हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि गोटमार मेले केा लेकर किंवदंती है कि सावरगांव की एक आदिवासी कन्या का पांढुर्णा के किसी लड़के ने प्रेम प्रसंग था और उसने सावरगांव की लड़की से चोरी-छिपे प्रेम विवाह कर लिया था। जब वह लड़का अपने साथ लड़की को लेकर जाम नदी पार कर रहा था, तब सावरगांव के लोगों को पता चला और उन्होंने उन पर पत्थरों से हमला कर दिया था।

प्रचलित किंवदंती के अनुसार, जब सावरगांव के लोगों के पथराव करने की सूचना पांढुर्णा के लोगों हुई तो वे भी जवाब में पथराव करने लगे। दोनों गांवों के लोगों द्वारा किए गए पथराव से प्रेमी जोड़े की मौत हो गई थी। बाद में दोनों प्रेमियों के शवों को उठाकर क्षेत्र में स्थित किले पर मां चंडिका के दरबार में ले जाकर रखा और पूजा-अर्चना करने के बाद दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। इसी घटना की याद में मां चंडिका की पूजा-अर्चना कर गोटमार मेले का हर साल आयोजन होता है। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है।


–आईएएनएस

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