छत्तीसगढ़ के उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग की कवायद

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रायपुर, 20 सितंबर (आईएएनएस)| छत्तीसगढ़ के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। इसी क्रम में यहां शुक्रवार से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन शुरू हुआ। इस सम्मेलन में 16 दूसरे देशों के प्रतिनिधि और देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन के पहले दिन आठ करार (एमओयू) हुए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ में प्राचीनकाल से परम्परागत एवं नैसर्गिक रूप से औषधियुक्त कोदो, कुदकी, रागी, सांवा उगाए जाते हैं। कुछ समय से इस रुझान में कमी आ रही थी। ऐसे आयोजनों के माध्यम से उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा संबंध बढ़ेगा और इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिलने से जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं उपभोक्ताओं को सही दाम पर सामग्री मिलेगी। छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों तथा फल और सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।”

बघेल ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी’ की जानकारी देते हुए कहा, “इससे नदी-नालों का संवर्धन, पशुधन का विकास किया जा रहा है। इससे गोबर खाद से आर्गेनिक फलों एवं सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं कागरे हब बनाने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।”


कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस मौके पर कहा, “छत्तीसगढ़ के चावल की खुशबू अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महकेगी और यहां की वनौषधियां जंगलों से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचेंगी।”

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के कृषि, उद्यानिकी एवं वनोपज सहित हैण्डलूम कोसा आदि विविध उत्पादों की हर तरफ मांग है, मगर उसकी ब्रांडिंग न होने के कारण इन उत्पादों को बाजार नहीं मिल पा रहा है। बाजार मिले और उत्पादों के बाजिव दाम हासिल हों, इसके लिए सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू किए गए हैं। राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रेताओं-विक्रेताओं का यह सम्मेलन बुलाया गया है।

सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में बहरीन, ओमान, जापान, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, पोलैण्ड, जर्मनी, बंगलादेश, सिंगापुर सहित 16 देशों के 57 प्रतिनिधि और भारत के विभिन्न राज्यों से 60 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेने रायपुर पहुंचे हैं।


20 से 22 सितंबर तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के पहले ही दिन छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड के साथ चार और छत्तीसगढ़ राज्य हैण्डलूम को-अपरेटिव फेडरेशन के साथ चार यानी कुल आठ अनुबंध पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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