दिल्ली : ‘लूट-हत्याओं’ से बेहाल कमिश्नर ने मातहतों को तलब किया

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नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में पिछले चार-पांच दिनों से सरेआम और सरेराह भीड़ के बीचो-बीच मची मारकाट, गोलीकांड, लूटपाट की वारदातों ने दिल्ली पुलिस की नींद उड़ा दी है। ताबड़तोड़ वारदातों से बेहाल पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार को विशेष पुलिस आयुक्तों से लेकर सभी जिलों के डीसीपी तक की ‘क्लास’ ले ली। शुक्रवार शाम खबर लिखे जाने तक, आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में यह महत्वपूर्ण बैठक जारी थी।

इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली में शुरू हुए खुलेआम गोलीकांड, लूट- झपटमारी से हो रही छीछालेदर से आजिज पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने शुक्रवार शाम को पुलिस मुख्यालय में जो बैठक बुलाई, उसका मकसद ही मातहत और लापरवाह पुलिस अधिकारियों की ‘क्लास’ लिया जाना बताया जाता है।


इस बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकांश विशेष पुलिस आयुक्त, सभी परिक्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त, जिलों में तैनात पुलिस उपायुक्त मौजूद बताए जाते हैं। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्चपदस्थ सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “दरअसल बीते चार-पांच दिनों में जिस तरह शहर में ताबड़तोड़ मारकाट, लूटपाट जैसी संगीन वारदातें हो रही हैं, उनसे राजधानी पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान लगने लगे थे।”

गुरुवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल द्वारा बुलाई गई पुलिस अधिकारियों की बैठक में भी यही आगाह किया गया था कि समय रहते पुलिस त्वरित कार्रवाई के लिए सतर्क हो जाए। राजधानी में मची खुलेआम लूटपाट-मारकाट पर काबू पाने के लिए उपराज्यपाल ने पुलिस अफसरों को दो टूक हिदायत दी थी कि वे पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी समन्वय बनाएं। शुक्रवार शाम बुलाई गई बैठक में राज्यपाल से हासिल ‘टिप्स’ भी पुलिस आयुक्त द्वारा मातहतों को ‘बांटे’ जाने की खबरें आ रही हैं।

उल्लेखनीय है कि दो दिन के अंदर दो महिला पत्रकारों से दिन-दहाड़े झपटमारी, यमुनापार इलाके के ब्रह्मपुरी इलाके में घनी आबादी वाली गली में मोटरसाइकिल सवार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाए जाने के रूह कंपा देने वाला सीसीटीवी फुटेज पुलिस को हाथ लगा है। बीते शनिवार को पूर्वी दिल्ली के मधु विहार थाना इलाके में जिला डीसीपी के दफ्तर की नाक के नीचे दिन-दहाड़े 54 साल की महिला उषा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ज्योति नगर इलाके में रात के वक्त घर के बाहर गली में एक व्यापारी को गोलियों से भूनकर मार डाला गया।


कुछ महीने पहले ही उत्तरी दिल्ली के लाहोरी गेट थाना क्षेत्र में आंखों में मिर्च पावडर झोंककर करीब 14 लाख रुपये की लूट हुई थी। पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर (पंजाबी बाग) मंदिर जा रही महिला पर झपटमारों ने जानलेवा हमला किया था। इसी तरह, एक चलती कार में बैठी महिला पर ‘ठक-ठक’ गैंग के बदमाशों द्वारा जहरीला रसायन फेंके जाने जैसी घटनाओं ने दिल्ली पुलिस को खुलेआम ‘सुस्त-मुद्रा’ में बैठी होना साबित कर दिया।

ये तमाम दिल दहला देने वाली वारदातें जब बजरिये-मीडिया सुर्खी बनकर सामने आईं, तो पुलिस कमिश्नर की चार-पांच दिन बाद नींद टूटी। ताबड़तोड़ वारदातों से हो रही बदनामी के चलते ‘डैमेज-कंट्रोल’ के लिए गुरुवार को ही ‘आंकड़ों की बाजीगरी’ का कथित फार्मूला सामने लाने की कोशिश की गई, जो पूरी तरह नाकाम रही। इन्हीं दिनों में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (डीसीपी संजीव यादव की टीम) और क्राइम ब्रांच की टीमों ने राजधानी में हथियारों की खेप पकड़कर दिखाने की नाकाम कोशिश भी की कि दिल्ली पुलिस मुस्तैद है।

इसके बाद भी दिल्ली में अपराधियों के हौसले पस्त नहीं हुए। वरन बीते चार-पांच दिनों में तो बेखौफ बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद नजर आने लगे, मानो पुलिस सड़क, थाने और जनता के बीच से खुद को कहीं दूर ले जाकर छिप सी गई हो।

राजधानी में इन ताबड़तोड़ वारदातों से हुई छीछालेदर से बचने के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने जल्दबाजी में कुछ आंकड़े कथित रूप से सामने लाने की भी कोशिश की। इन आंकड़ों के जरिये यह दिखाने की कोशिश की गई कि दिल्ली में अपराध लगातार कम हो रहे हैं। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि अगर अपराध कम हो रहे हैं तो फिर दिन-दहाड़े इन दिनों राजधानी के गली-मुहल्लों में आखिर लूटमार, मारकाट, गोलीकांडों और झपटमारी की घटनाओं की खबरें खुलेआम आखिर क्यों और कहां से निकल कर सामने आ रही हैं?

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल ने आईएएनएस को बताया, “आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पिछले कुछ महीनों में राजधानी में अपराध की घटनाओं में कमी ही आई है। जहां तक आपराधिक वारदातों के होने का सवाल है, तो पुलिस घटनाओं का खुलासा भी तेजी से कर रही है।”

पुलिस प्रवक्ता ने आईएएनएस से आगे कहा, “एक-दो जो घटनाएं गुरुवार को सामने आईं, उनका पदार्फाश करने के लिए भी जिला पुलिस उपायुक्तों से कहा गया है।” उन्होंने कहा, “राज्य की कानून एवं व्यवस्था को लेकर ही शुक्रवार शाम दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने अफसरों की बैठक भी बुलाई है।”

अनिल मित्तल ने आईएएनएस से कहा, “अपराधियों को काबू करने के लिए कई और उपायों को भी अमल में लाया जा रहा है। सीसीटीवी विजिलेंस के साथ-साथ, सड़कों पर बैरिकेड्स लगाकर वाहनों की जांच भी बढ़ा दी गई है और बीट सिस्टम को हर समय एक्टिव रखने पर भी जोर दिया जा रहा है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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