दिल्ली में रेजीडेंट कमिश्नर रहे विश्वास मेहता बने केरल के नए मुख्य सचिव

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नई दिल्ली, 1 जून(आईएएनएस)। 1986 बैच के आईएएस अफसर डॉ विश्वास मेहता, केरल के नए मुख्य सचिव बनाए गए हैं। उनकी तैनाती इसलिए भी खास है कि वह कोरोना के खिलाफ जंग में केरल मॉडल को चर्चित बनाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मेहता दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर संभाग के वागड़ अंचल डूंगरपुर नगर के मूल निवासी हैं। वे अब तक केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं सतर्कता )और प्रदेश में कोविड-19 के ओवर ऑल प्रभारी थे। उन्होंने केरल में कोरोना के खिलाफ जंग में नए-नए तरीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया। जिससे केरल देश में नजीर बन सका। डॉ. विश्वास मेहता दिल्ली में केरल के रेजीडेंट कमिश्नर भी रह चुके हैं।


डॉ विश्वास मेहता ने केरल सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार के साथ भी काम कर चुके हैं। राजस्थान में भारत सरकार के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के मुख्यालय उदयपुर में बतौर निदेशक लगातार छह वर्षो तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

दक्षिणी राजस्थान के मेवाड़ से सटे वागड़ अंचल के डूंगरपुर शहर में एक साधारण परिवार के डॉ. विश्वास मेहता की प्रारम्भिक शिक्षा चण्डीगढ़ में हुई। पिता पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। वहां रहते हुए उन्होंने ज्योलॉजी में स्नातक और स्नातकोत्तर (गोल्ड मेडल के साथ) तक पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 1983 में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और बाद में ओएनजीसी में एक्जीक्यूटिव ऑफिसर चयनित होने के बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी में जुट गये और इसके प्रथम चरण में 1985 में आईपीएस भी चुने गये और मध्यप्रदेश काडर मिल गया लेकिन पिता की भावना अनुसार सर्विस ज्वाइन नहीं की और फिर से सिविल परीक्षा की तैयारियों में जुट गए।

आखिरकार अगस्त 1986 में नौवीं रेंक के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में चयनित हुए। डॉ. विश्वास मेहता ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मन्त्रालय के संयुक्त सचिव (मेडिकल शिक्षा )रहते हुए डूंगरपुर जिले को मेडिकल कॉलेज दिलवाने में अहम भूमिका निभाई।


–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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