दिल्ली : पुलिस कॉलोनी से चोरी हुई इंस्पेक्टर की कार मिली, 2 कत्ल की फाइलें गायब

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नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)| पुलिस कॉलोनी से गायब हुई एक इंस्पेक्टर की कार लावारिस हालत में मिल गई, मगर कार में रखीं दो कत्ल से संबंधित फाइलें गायब हैं। कार का पिछला शीशा टूटा हुआ मिला है। इसे लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कार बरामदगी की जानकारी आईएएनएस को शुक्रवार रात दी। हालांकि कार शुक्रवार को दिन के वक्त ही बरामद हो गई थी। अधिकारी ने कहा, “कार पश्चिमी जिले के पंजाबी बाग इलाके में मिली। कार लावारिस हाल में खड़ी थी। कार का पिछला शीशा टूटा हुआ मिला है। चोरी के वक्त कार में दो महत्वपूर्ण फाइलें भी थीं। दोनों फाइलें कत्ल की दो अलग-अलग घटनाओं से संबंधित थीं। दोनों फाइलें नहीं मिली हैं। दिल्ली पुलिस में इस बात की कोई खुशी नहीं है कि लापरवाह इंस्पेक्टर की कार मिल गई। वरन इस बात को लेकर हड़कंप मचा हुआ है कि दो-दो कत्ल से जुड़ी फाइलें कौन और क्यों ले गया?”


हर रोज दिन भर मीडिया को छोटे-मोटे चोर-उचक्कों की खबरें देने वाले दिल्ली पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने सोमवार को घटी इस घटना की पांच दिन बाद भी कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी है। शायद इसलिए कि इस मामले के मीडिया में आने से उसकी अपनी कार्य-प्रणाली और अपने ही तमाम तथाकथित काबिल पुलिस अधिकारियों पर ही सवालिया निशान लग जाएगा।

हालांकि दूसरी ओर शुक्रवार रात रोहिणी जिले के डीसीपी (उपायुक्त) शंखधर मिश्रा ने आईएएनएस से पुष्टि की है कि कार पंजाबी बाग इलाके में बरामद हो गई है। हालांकि कार चोरी का केस उन्हीं के क्षेत्रांतर्गत स्थित के.एन.काटजू थाने में दर्ज हुआ था।

जिस लापरवाह इंस्पेक्टर की कार चोरी हुई है, उसका नाम ब्रिजपाल सिंह है। ब्रिजपाल सिंह बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिले में तैनात है। उसकी चोरी हुई ह्युंडई क्रेटा कार से गायब फाइलों में कत्ल की दो अलग-अलग घटनाओं से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज रखे थे।


पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “कार के.एन. काटजू पुलिस कॉलोनी से ही गायब हुई है। जांच में जुटी पुलिस सीसीटीवी फूटेज भी खंगाल रही है। सोमवार को कार जैसे ही इंस्पेक्टर ने पुलिस कॉलोनी पर खड़ी की, उसके एक घंटे बाद ही वह गायब हो गई।”

विश्वस्त सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “हत्या के जिन दो मामलों से संबंधित फाइलें गायब हैं, वे स्वरूप नगर और शाहबाद डेयरी थाने की हैं। दोनों फाइलें कार की सीट पर रखी हुई थीं।”

पश्चिमी दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “कार पर दिल्ली पुलिस का लोगो (चिन्ह) भी लगा हुआ था। कार की तलाश में पूरी दिल्ली पुलिस जुटी हुई थी। इस उम्मीद में कि कार मिल जाएगी तो उसमें मौजूद हत्या के दोनों मामलों की फाइलें भी हाथ लग जाएंगी। शुक्रवार को जब बिना फाइलों की कार मिली तो एक बार फिर दिल्ली पुलिस की खुशी काफूर हो गई।”

कार बरामदगी को लेकर भी दिल्ली पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता और पश्चिमी दिल्ली जिला डीसीपी की ओर से शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे तक मीडिया को कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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