दिल्ली: पुलिस, सरकार और अस्पताल का नशे के खिलाफ साझा अभियान

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत दिल्ली का एम्स अस्पताल नशे से प्रभावित व्यक्तियों को नशामुक्ति और परामर्श देने के लिए नए प्रारूप विकसित करेगा।

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने राजधानी में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के विरूद्व रविवार को इस अभियान की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा, महिला एवं बाल विकास विभाग के मद्य निषेध निदेशालय के इस अभियान से समाज को वास्तविक लाभ पहुंचाने के लिए सभी आमंत्रित हितधारक संस्थानों में बेहतर समन्वय कायम करना होगा।


गौतम ने कहा इसके सहयोगात्मक प्रयास का परिणाम समाज के विभिन्न समुदायों-वर्गों के जुड़ाव के रूप में सामने आना चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव मधु के. गर्ग और निदेशक डॉ. रश्मि सिंह को सभी हितधारकों के साथ नियमित अंतराल में बैठकें करने और मादक द्रव्यों तथा शराब के सेवन की समस्या के समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर अभियान में साझीदार सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जिनमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रोफेसर अतुल आम्बेकर, मानव व्यवहार एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (इब्हास) के डॉक्टर दीपक, दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के गौतम मेनन और क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केंद्र (आरआरटीसी) के डॉक्टर राजेश शामिल थे। इन प्रतिनिधियों ने इस विषय पर अपनी-अपनी वार्षिक कार्ययोजनाओं को प्रस्तुत किया।

डीएसएलएसए, इस अभियान के तहत दिल्ली के सभी 11 जिला न्यायालयों में परामर्श केंद्रों की स्थापना के साथ इस विषय को लेकर जागरूकता लाने और समाज को संवेदनशील बनाने की दिशा में कार्य करेगा। इस मौके पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के प्रतिनिधियों ने मादक द्रव्यों की आपूर्ति को नियंत्रित करने के विषय में अपने अनुभव साझा किए और उनकी रोकथाम के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।


प्रोफेसर अतुल अम्बेकर ने राजधानी में नशीली दवाओं के उपयोग से प्रभावित बेघर व्यक्तियों के लिए उपचार और पुनर्वास सेवाओं को बढ़ाने की परियोजना के बारे में जानकारी दी। इस परियोजना के तहत नशे से प्रभावित व्यक्तियों के लाभ के लिए नए प्रारूपों को विकसित करके सेवा प्रदान करने का प्रयास होगा। नशे से प्रभावित व्यक्तियों को उनके निवास स्थान पर ही नशामुक्ति और परामर्श की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

एक दूसरी परियोजना के तहत दिल्ली में टैक्सी और कैब चलाने वालों को अपने काम के लिए नींद कम लेने या गाड़ी चलाने के समय को बढ़ाने के लिए शराब पीने से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक किया जाएगा और उन्हें शराब पीकर वाहन न चलाने के बारे में संवेदनशील बनाया जाएगा। इस अभियान में इब्हास, एम्स और आरआरटीसी की सांस्थानिक विशेषज्ञता का उपयोग नशा प्रभावित व्यक्तियों को नशामुक्ति सेवाएं और परामर्श देने के कार्य में संलग्न चिकित्सा, पैरामेडिकल और दूसरे कर्मचारियों की कार्य क्षमता और ज्ञान को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

— आईएएनएस

जीसीबी-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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